सामान्य हिंदी (Hindi): विभिन्न भर्ती परीक्षा में सामान्य हिंदी से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं। अगर आप भी विभिन्न भर्ती परीक्षा की तैयारी करते हैं और सामान्य हिंदी विषय को मजबूत करना चाहते हैं तो हमारे नोट्स पढ़कर, क्वीज टेस्ट देकर लगातार अभ्यास करते रहें। सामान्य हिंदी से संबंधित विभिन्न टॉपिक का संकलन आपके लिए।
विशेषण
विशेषण
- विशेषण विकारी शब्द है
- विशेषण का शाब्दिक अर्थ – विशेषता
- वे विकारी शब्द जो संज्ञा व सर्वनाम के विशेषता बताते हो, विशेषण कहलाते हैं
उदाहरण
- उसके पास 10 पेन है
- सीता बहुत सुंदर है
- वह पतली है
- सफेद गाय चर रही है
- वह बहुत बदमाश है
- मेरे पास कुछ गमले हैं
- रुचिका बेईमान है
विशेषण
- जो विशेषता बताते हो
विशेष्य
- जिसके विशेषता बताई जाती हो
प्रविशेषण
- जो विशेषता उत्पन्न करें
उदाहरण
- सीता बहुत चतुर है
- विशेषण- चतुर
- विशेष्य – सीता
- प्रविशेषण – बहुत
सीमा पीली साड़ी में बहुत सुंदर दिखती है
विशेषण- सुंदर
विशेष्य - सीमा
प्रविशेषण - बहुत
विशेषक - लाल
विशेषण के प्रकार
- विशेषण के चार प्रकार होते हैं
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- परिमाणवाचक विशेषण
- सार्वनामिक(संकेत वाचक) विशेषण
गुणवाचक विशेषण
- वे विकारी शब्द जो संज्ञा में सर्वनाम रंग, रूप, दशा, अवस्था, आकार, स्वभाव, दशा, स्थान, तापमान, स्वाद, स्पर्श, गंध, आदि से संबंधित विशेषता बताते हो
कुणाल के पास लाल टी-शर्ट है
वह बहुत सुंदर है
वे बहुत अमीर है
वहां मीठा पानी मिलता है
बगीचे में सुगंधित पुष्प है
- राधा बहुत मोटी है
- मेरे पड़ोस में झगड़ालू चाचा रहते हैं
- राजस्थान में आंधी चल रही है
- जोधपुरी मिठाई लेकर आना
- वह गुनगुना पानी पी रहा है
संख्यावाचक विशेषण
- वे विकारी शब्द जो संज्ञा तथा सर्वनाम की संख्या संबंधित विशेषता बताते हैं
इसके दो उपभेद होते हैं –
निश्चित संख्या बोधक
a. गणनवाचक
- पूर्णांक – एक, दो, तीन
- अपूर्णांक – डेढ़, सवा, अढाई
b. क्रमवाचक – पहला, दूसरा, तीसरा
c. आवृत्ति – दुगुना, तिगुना
d. समुदाय वाचक – दोनों, तीनों, चारों
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
- जो और अनिश्चित संख्याओं का बोध करवाता हो
- यदि निश्चित संख्या के साथ शायद, लगभग, संभवत, हो सकता है जैसे शब्दों का प्रयोग हो तो और निश्चित संख्यावाचक विशेषण होगा
उदाहरण
- वहां कुछ लोग थे।
- सड़क पर कई आदमी बैठे थे
- मुझे कुछ पेन चाहिए
- उसे थोड़े पैसों की जरूरत है
- शायद 10 लोग थे
- मैदान में लगभग 50 गधे थे
संख्या का गुणवाचक प्रयोग
- राम सीता से 21 है (बेहतर)
परिमाण वाचक विशेषण
- वे विकारी शब्द जो संज्ञा तथा सर्वनाम की मात्रा संबंधित विशेषता बताते हो, परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं
- विशेषण शब्द के साथ सामान्यत: लीटर/ मी/ गज/ किलोग्राम/ मिलीमीटर/ टन/ क्विंटल/ मण (मन)/ सेर/ जैसे नापतोल सूचक इकाइयों का प्रयोग
इसके दो उपभेद होते हैं
- निश्चित परिमाण
- अनिश्चित परिमाण
उदाहरण
- वह 5 लीटर दूध लाया
- बाजार से 2 मीटर कपड़ा लाया
- वह 10 किलोग्राम आटा लाया
- सीता थोड़ा सा पानी लाई
- वह मुट्ठी पर बाजरे के खातिर घूम रहा है
कुछ किलोग्राम केले लाना
कुछ केले लाना
सार्वनामिक विशेषण
- वे सर्वनाम शब्द जो संज्ञा के साथ प्रयुक्त होकर विशेषण का अर्थ प्रदान करते हैं, सार्वनामिक/ संकेत वाचक विशेषण कहलाते हैं
ध्यान दें
पुरुष व निजवाचक कभी विशेषण नहीं बनते हैं
- भारत – भारतीय लोग
- जापान – जापानी जूता
- उत्तर – उत्तरी भारत
- जोधपुर – जोधपुरी कोट
व्यक्तिवाचक विशेषण गुणवाचक विशेषण माना जाता है
स्थान के आधार पर विशेषण
उद्देश्य विशेषण- विशेष्य से पूर्व प्रयुक्त होता है
उदाहरण
- लालची लोग हमेशा ऐसा ही करते हैं
विधेय विशेषण विशेष्य के बाद प्रयुक्त होता है
उदाहरण
- वे लोग बहुत लालची है
रचना के आधार पर विशेषण
- पशु – पाशविक
- कण्ठ – कण्ठ्य
- समाज – सामाजिक
- हंसी – हँसोड़
- नीति – नैतिक
- धर्म – धार्मिक
- सुख – सुखी
- दुख – दुखी
- प्यास – प्यासा
- प्यार- प्यारा
- क्रोध – क्रुद्ध
- शर्म – शर्मिला
- दया – दयालु
- मर्म – मार्मिक
- निष्ठ – नास्तिक
- मानव – नैष्ठिक
- संसार – सांसारिक
- तालु – तालव्य
- स्नेह – स्नेही
- आलस्य – आलसी
- भ्रम – भ्रमित
विशेषण की अवस्थाएं
मूलावस्था
- जहां एक विशेष्य हो
- जहां समानता का भाव हो
उदाहरण
- राम ईमानदार हैं
- राम श्याम की तरह चतुर है
उत्तरावस्था (मध्यम अवस्था)
- जहां दो के मध्य तुलना की जाती हो
उदाहरण
- राम श्याम से ईमानदार है
उत्तमावस्था
- जहां एक विशेष्य को किसी समूह विशेष में श्रेष्ठ या निम्नतम बताया जाए
उदाहरण
- राम सबसे ईमानदार है