संधि – प्रकार और उदाहरण | सामान्य हिंदी

सामान्य हिंदी (Hindi): विभिन्न भर्ती परीक्षा में सामान्य हिंदी से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं। अगर आप भी विभिन्न भर्ती परीक्षा की तैयारी करते हैं और सामान्य हिंदी विषय को मजबूत करना चाहते हैं तो हमारे नोट्स पढ़कर, क्वीज टेस्ट देकर लगातार अभ्यास करते रहें। सामान्य हिंदी से संबंधित विभिन्न टॉपिक का संकलन आपके लिए। 

संधि – प्रकार और उदाहरण

संधि - प्रकार और उदाहरण | सामान्य हिंदी
संधि – प्रकार और उदाहरण | सामान्य हिंदी

संधि

संधि 

वर्णमाला 

  • वर्णों का व्यवस्थित क्रम। 

महत्वपूर्ण तथ्य

  • मानक वर्णों की संख्या 46 
  • देवनागरी लिपि में वर्ण 52 
  • स्वर 11 होते हैं। 
  • मात्राएं 10 होती है।
  • हिंदी वर्णमाला में 5 वर्ग होते हैं।
  • वर्गीय व्यंजन 25 होते हैं। 

स्वर

अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ।
  • क वर्ग (ख,ग,घ,ङ) 
  • च वर्ग (छ,ज,झ,ञ)
  • ट वर्ग (ठ,ड,ढ,ण)
  • त वर्ग (थ,द,ध,न) 
  • प वर्ग (फ,ब,भ,म)

अंतस्थ व्यंजन 

  • य,र,ल,व

ऊष्मीय व्यंजन 

  • श,ष,स,ह

संयुक्ताक्षर 

  • क्ष = क्+ष
  • त्र = त्+र
  • ज्ञ = ज्+ञ
  • श्र = श्+र

उत्क्षिप्त

  • ड़, ढ़

अयोगवाह

  • अं, अः

नाद या गूंज के आधार पर वर्ण।

  1. अघोष
  • किसी भी वर्ग का 1,2  वर्ण
  • श, ष, स।
  1. सघोष
  • किसी भी वर्ग का 3,4,5  वर्ण
  • सभी स्वर

अंतस्थ (य,र,ल,व) 

प्राणवायु के आधार पर वर्ण

  1. अल्पप्राण 
  • किसी वर्ग का 1,3,5 वर्ण
  • अंतस्थ (य,र,ल,व)
  • स्वर
  1. महाप्राण
  • किसी वर्ग का 2,4 वर्ण। + ऊष्मीय वर्ण

स्वर रचना

  • आ = अ/औ+अ/ऑ
  • ई = इ/ई+इ/ई
  • ऊ = उ/ऊ+उ/ऊ
  • ए = अ/आ+इ/ई
  • ऐ = अ/आ+ए/ऐ
  • ओ = अ/आ+उ/ऊ
  • औ = अ/आ+ओ/औ

संधि

  • संधि यौगिक शब्द है।
  • संधि का शाब्दिक अर्थ है “जोड़ना”

संधि की परिभाषा 

  • दो वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार को संधि कहते हैं। 
राम्+अनुज = रामानुज
अ+अ=आ

संधि के भेद 

  1. स्वर संधि (मात्रा+स्वर)
  2. व्यंजन संधि (वर्ण/मात्रा+स्वर+व्यंजन)
  3. विसर्ग संधि (विसर्ग+स्वर/व्यंजन)

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • संधि की पहचान वर्ण तथा मात्रा से होती है।
  • जिससे पहचान हो परिवर्तन उसी में होगा। 
  • संधि में शब्द रचना का ध्यान रखें। 

उदाहरण

  • मुक्तावली=मुक्ता+अवली 
  • कमलेश=कमला+ईश 
  • कमलाक्ष=कमल+अक्षि 
  • स्वर संधि (मात्रा+स्वर)
दो स्वरों के मेल से उत्पन्न विकार। 
  • हरीश, भानूदय पितृण, विद्यालय।
  • आ,ई,उ,ऋ – दीर्घ स्वर संधि। 
  • रमेश, परोपकारी, ऋतु, ऋषि, ऋण।
  • ए,ओ,अर् – गुण (र्षि, र्ण, तर्तु)
  • सदैव, परमौषधि
  • ऐ, ओ – वृद्धि संधि 
  • मात्राज्ञा,अत्याचार, स्वागतम।
  • य/र/व से पूर्व आधा वर्ण हो।  – यण्
  • नयन, पवन।
  • य/व से पूर्व पूरा वर्ण हो।  – अयादि।

कुछ शुद्ध शब्द।

  1. अवली 
  2. इस्ट
  3. इन्द्र 
  4. इव
  5. मुनि
  6. रवि
  7. कपि
  8. उदय
  9. अरण्य
  10. उद्गम
  11. उद्भव
  12. उत्साह
  13. भानु
  14. विधु
  15. इंदु
  16. विभु
  17. ओज
  18. एषी
  19. एषण
  20. ओजस्वी
  21. ओध (प्रवाह)
  22. एषणा
  23. कटु
  24. मंजु 
  25. उषा
  26. मधु
  27. सिंधु 
  28. अवलेह
  29. उक्ति 
  30. औषध
  31. इंद्रिय
  32. इच्छा 
  33. राशि 
  34. रीति 
  35. उपकार 
  36. उपदेश 
  37. गिरि
  38. ईश
  39. ईश्वर 
  40. ईप्सा
  41. ईप्सित
  42. ऊष्मा
  43. प्रेक्षा
  44. ऊर्जा 
  45. ऊर्ध्व
  46. सती
  47. रजनी
  48. राका
  49. आसव
  50. द्राक्षा
  51. कारा
  52. आगार
  53. आस्पद
  54. नदी
  55. मही
  56. भू
  57. सरयू 
  58. ऊम्रि
  59. चमू
  60. वधू
  61. पत्नी
  62. स्त्री
  63. सखी
  64. औषध
  65. कांता
  66. ऐन्द्रजालिक 
  67. ऐश्वर्य 
  68. ऐक्य

दीर्घ स्वर संधि 

पहचान

आ मात्रा (विच्छेद)

  • आ = अ/आ+अ/आ (मात्रा+स्वर)
  • विद्यालय = विद्या+आलय
  • आ+आ=आ

ई मात्रा

  • इ/ई+इ/ई (मात्रा+स्वर)
  • हरीश = हरि+ईश
  • इ+ई =ई

ऊ मात्रा 

  • उ/ऊ+उ/ऊ (मात्रा+स्वर)
  • भानूदय = भानु+उदय 
  • उ+उ=ऊ 

ऋ मात्रा 

  • ऋ+ऋ (मात्रा+स्वर)
  • पितृण=पितृ+ऋण
  • ऋ+ऋ

दीर्घ स्वर संधि के कुछ उदाहरण

  1. हेमाद्रि=हेम+अद्रि
  2. रामावतार=राम+अवतार 
  3. नयनाभिराम=नयन+अभिराम 
  4. सावधान=स+अवधान
  5. मलिकार्जुन=मलिका+अर्जुन 
  6. अपांग=अप+अंग
  7. ऊहापोह=ऊह+अपोह
  8. श्वेताम्बर=श्वेत+अम्बर
  9. सीमांत=सीमा+अंत
  10. कारागार=कारा+आगार 
  11. सतीश =सती+ईश
  12. रजनीश =रजनी+ईश
  13. कपीश=कपि+ईश
  14. अभीष्ट =अभि+इष्ट
  15. अभीप्सा=अभि+ईप्सा 
  16. अतीन्द्रिय=अति+इन्द्रिय
  17. अतीव=अति+इव 
  18. रवीन्द्र=रवि+इन्द्र 
  19. मुनीद्र=मुनि+इन्द्र
  20. महीश=मही+ईश
  21. वधूत्सव=वधू+उत्सव
  22. सरयूर्मि=सरयू+ऊर्मि
  23. सिंधूर्जा=सिंधु+ऊर्जा
  24. भूष्मा=भू+ऊष्मा 
  25. द्रोक्षात्सव=द्राक्षा+आसव
  26. गुरूपदेश=गुरु+उपदेश 
  27. विधूदय=विधु+उदय
  28. विभूष्मा=विभु+ऊष्मा
  29. होतृण=होतृ+ऋण

गुण सन्धि

पहचान 

ए मात्रा 

  • विच्छेद 
  • अ/आ+इ/ई (मात्रा+स्वर)
  • रमेश = रमा+ ईश
  • आ+ ई= ए

ओ मात्रा

  • अ/ आ+ उ/ ऊ (मात्रा+स्वर)
  • परोपकार= पर + उपकार
  • अ+उ= ओ

अर् की मात्रा

  • अ/ आ= ऋ (मात्रा+स्वर)
  • महर्षि= महा+ ऋषि

गुण संधि के उदाहरण

  • नेति= न+ इति
  • महोत्सव= महा+उत्सव
  • प्रोज्जवल= प्रा+ उज्ज्वल
  • समुद्रोर्मि= समुद्र+ ऊर्मि
  • सितोपल= सिता+ उपल
  • नवोढ़ा= नव+ ऊढा
  • प्रेक्षा= प्र + ईक्षा
  • स्वेच्छा= स्व + इच्छा
  • हृषिकेश= हृषीक+ ईश
  • गुढ़ाकेश= गुढ़ाका+ ईश
  • साहित्येतिहास= साहित्य+ इतिहास
  • मानवेतर= मानव+ इतर
  • प्रश्नोतर= प्रश्न+ उत्तर
  • सर्वोतम= सर्व+ उतम
  • भारतेन्दु = भारत+ इन्दु
  • राकेश= राका+ ईश
  • पूर्णोपमा= पुर्ण+ उपमा
  • नरोतम= नर+ उतम
  • विकासोन्मुख= विकास+ उन्मुख
  • जन्मोत्सव= जन्म+ उत्सव
  • हितोपदेश= हित+ उपदेश
  • सप्तर्षि= सप्त+ ऋषि
  • कण्वर्षि= कण्व+ ऋषि
  • महर्ण= महा+ ऋण
  • उतमर्ण= उतम+ ऋण
  • अधमर्ण= अधम+ ऋण
  • वर्षर्तु= वर्षा+ ऋतु
  • शीतर्तु= शीत+ ऋतु
  •  गंगोर्मि= गंगा+ उर्मि
  • अन्योढा= अन्य+ ऊढ़ा

वृद्धि सन्धि

पहचान

ऐ मात्रा

  • आ/ आ+ ए/ ऐ ( मात्रा+ स्वर)
  • सदैव= सदा+ एव
  • आ+ ए= ऐ

औ मात्रा

अ/ आ+ ओ/ औ
  1. परमौषधि = परम+ औषधि
  2. परमेश्वर्य= परम+ ऐश्वर्य
  3. मतैक्य= मत+ ऐक्य
  4. विश्वैक्य= विश्व+ ऐक्य
  5. वीरौदार्य= वीर+ औदार्य
  6. गगौध= गंगा+ ओध
  7. प्रियैषी= प्रिय+ एषी
  8. शुभैषी= शुभ+ एषी
  9. फलौषध= फल+ औषध
  10. महैन्द्रजालिक= महा+ ऐन्द्रजालिक
  11. धनैषी= धन+ ऐषी
  12. प्रियैषणा= प्रिय+ एषणा
  13. तथैव= तथा+ एव
  14. एकैक= एक+ एक
  15. वीरौचित्य= वीर+ औचित्य
  16. परमौज= परम+ ओज
  17. परमौजस्वी= परम+ ओजस्वी
  18. वसुधैव= वसुधा+ एव

यण सन्धि

पहचान

य से पूर्व आधा वर्ण

  • य= इ/ई
  • अत्याचार
  • अति+ आचार
  • इ/ ई+ असमान स्वर ( इ/ ई= य )

व से पूर्व आधा वर्ण

  • व= उ/ऊ
  • स्वागत = सु+ आगत
  • उ/ ऊ+ असमान स्वर ( उ/ ऊ= व)

र से पूर्व आधा वर्ण

  • र= ऋ की मात्रा में
  • मात्राज्ञा= मातृ+ आज्ञा
  • ऋ+ असमान स्वर ( ऋ= र्)
  1. अभ्यर्थी= अभि+ अर्थी
  2. राश्यन्तरण= राशि+ अन्तरण
  3. गत्यवरोध= गति+ अवरोध
  4. रीत्यनुसार= रीति+ अनुसार
  5. अभ्युदय= अभि+ उदय
  6. पर्यटन= परि+ अटन
  7. पर्यवसान= परि+ अवसान
  8. स्त्र्युचित= स्त्री+ उचित
  9. संख्यागमन= सखी+ आगमन
  10. अत्यधिक= अति+ अधिक
  11. न्युन= नि+ ऊन
  12. न्याय= नि+ आय
  13. धात्विक= धातु+ इक 
  14. वध्वागमन= वधू+ आगमन
  15. प्रत्यपकार= प्रति+ अपकार
  16. ऋत्वंत= ऋतु+ अन्त
  17. गुर्वृण= गुरु+ ऋण
  18. मध्वरि= मधु+ अरि
  19. शिश्वैक्य= शिशु+ ऐक्य
  20. अभ्यागत= अभि+ आगत
  21. भ्रातुपकार= भ्रातृ+ उपकार
  22. पित्रुपदेश= पितृ+ उपदेश
  23. मात्रादेश= मातृ+ आदेश
  24. पत्न्यासक्त= पत्नी+ आसक्त
  25. त्र्यंबक= त्रि+ अम्बक
  26. अन्वेषण= अनु+ एषण
  27. तन्वंगी= तनु+ एगी
  28. पर्यावरण= परि+ आवरण
  29. पर्याप्त= परि+ आप्त
  30. अध्ययन= अधि+ अयन

अयादि सन्धि

पहचान

य से पूर्व पुरा वर्ण

  • य/ ए/ ऐ ( मात्रा)
  • नयन= ने+ अन
  • नायक= नै + अक

व से पूर्व पुरा वर्ण

  • व= ओ/ औ ( मात्रा)
  • पवन= पो+ अन
  • पावन= पौ+ अन

अयादि संधि के अन्य उदाहरण

  1. शयन= शे+ अन
  2. चयन= चे + अन
  3. भविष्य= भो+ इष्य
  4. हविष्य= हो+ इस्य
  5. नाविक= नौ+ इक
  6. भवन= भौ+ अन
  7. नाव= नौ+ अ
  8. गायक= गै+ अक
  9. गायन= गै+ अन
  10. लवित्र= लो+ इत्र
  11. पवित्र= पौ+ इतर
  12. प्रसव= प्रसो+ अ
  13. भावना= भौ+ अना
  14. प्रसाविका= प्रसौ+ इका
  15. सावित्री= सौ+ इत्री
  16. सायक= सै+ अक
  17. जय= जे+ अ
  18. गवेषणा=  गो+ एषणा
  19. श्रवण= श्रो+ अन
  20. श्रावण= श्रौ+ अन
  21. गवाक्ष= गो+ अक्ष

अपवाद

दीर्घ स्वर सन्धि के अपवाद

  1. विश्वामित्र= विश्व+ मित्र
  2. दीनानाथ = दीन+ नाथ
  3. मार्तण्ड= मार्त +अण्ड
  4. उतराखण्ड= उत्तर+ खण्ड
  5. प्रभूदयाल= प्रभू+ दयाल
  6. सत्यानाश=सत्य+ नाश
  7. कुलटा= कुल+ अटा
  8. अष्टावक्र= अष्ट+ वक्र
  9. सीमंत= सीम+ अन्त
  10. अपंग= अप+ अंग
  11. नवरात्र= नव+ रात्रि

गुण सन्धि के अपवाद

  1. स्वैर= स्व+ ईर
  2. स्वैरिणी= स्व+ ईरिणी
  3. स्वैरिता= स्व+ इरिता
  4. ऋणार्ण= ऋण+ ऋण
  5. अक्षौहिणी= अक्ष+ ऊहिनी
  6. प्रौढ़= प्र+ ऊढ़
  7. प्रौह= प्र + ऊह
  8. सुखार्त= सुख+ ऋत
  9. दुःखार्त= दुःख+ ऋत
  10. आश्रव= आश्रो+ अ
  11. भवति= भो+ अति

वृद्धि सन्धि के अपवाद

  • शुद्धोदन= शुद्ध+ ओदन
  • अधररोष्ठ= अधर+ ओष्ठ
  • बिम्बोष्ठ= बिम्ब+ ओष्ठ

व्यंजन सन्धि

  • व्यंजन संधि के पहचान वर्ण से होती है।
  • व्यंजन में + से पूर्व हलत् वर्ण होता है।

व्यंजन संधि का विच्छेद

  • मात्रा+ व्यंजन
  • अभि+ सेक= अभिषेक 
  • व्यंजन+ स्वर
  • जगत्+ ईश= जगदीश
  • व्यंजन+व्यंजन
  • सत्+ जन= सज्जन

1 यदि किसी भी वर्ग का तीसरा वर्ण हो – ग् ज् ड् द् ब्

विच्छेद

  • तीसरा वर्ण अपने वर्ग के पहले वर्ण – क् च ट् त् प्

उदाहरण

  1. वागीश= वाक्+ ईश
  2. वाग्यदान= वाक्+ दान
  3. दिग्दर्शन= दिक्+ दर्शन
  4. दिगम्बर= दिक्+ अम्बर
  5. दिगंत= दिक्+ अंत
  6. अजंत= अच्+ अंत
  7. भवदीय= भवत्+ ईय
  8. अब्द= अप्+ द
  9. शरदूपदेश= शरत्+ उपदेश
  10. षडानन= षट्+ आनन
  11. षड्रस= षट्+ रस
  12. षड्यंत्र= षट्+ यंत्र
  13. तदूपरान्त= तत्+ उपरान्त
  14. चिदानंद= चित्+ आनंद
  15. जगद्गुरु= जगत्+ गुरु
  16. सद्‌गति= सत्+ गति
  17. सदाचार= सत्+ आचार
  18. अब्धि= अप+ धि

2 यदि किसी वर्ण का पाँचवा वर्ण हो।

  • पाँचवा वर्ण अपने वर्ग के प्रथम वर्ण में बदलना
  • दिङ्मुख= दिक्+ मुख
  • दिङ्नाथ= दिक्+ नाथ
  • वाङ्मुख= वाक्+ मुख
  • प्राङ्मुख= प्राक्+ मुख
  • अञ्नाश= अच्+ नाश
  • षण्मास= षट्+ मास
  • षणमातुर= षट्+ मातुर
  • षण्मुख= षट्+ मुख
  • सन्मति= सत्+ मति
  • उन्माद= उत्+ माद 
  • अम्मय= अप्+ मय
  • सन्नारी= सत्+ नारी
  • उन्नति= उत्+ नति
  • श्रीमन्नारायण= श्रीमत्+ नारायण
  • उन्मेष= उत्+ मेष
  • जगन्माता= जगत्+ माता
  • भवन्निष्ठ= भवत्+ निष्ठ

3.  इ/ उ+ स= ष में।

  • अभि+ सेक= अभिषेक
  • अनु +संग= अनुषंग
  • नि+ संग= निषंग
  • प्रति+सेध = प्रतिषेध
  • सु+ समा= सुषमा
  • नि+ सेध= निषेध
  • वि+सम = विषम
  • सु+ स्मिता = सुष्मिता
  • नि+ साद= निषाद
  • वि+ साद = विषाद
  • नि+ स्नात + निष्णात

  4 . त्/ द्+ ह = द् ध

  • त्/ द् = द्
  • ह= ध
  1. उत्+ हृत= उद्धृत
  2. उत्+ हरण= उद्धरण
  3. पद् + हति= पद्धति
  4. उत्+ हत= उद्धत

5 . म्+ वर्गीय व्यंजन ( क – म)

  • म् – वर्गीय व्यंजन के पांचवे में / अनुस्वार में
  1. सम्+ देह= सन्देह / संदेह
  2. सम्+ धि = सन्धि / संधि
  3. सम्+ तोष= सन्तोष / संतोष
  4. अलम्‌+कार = अलंकार
  5. सम्+ न्यास = सन्न्यास / संन्यास
  6. सम्+ देश = सन्देश / संदेश
  7. सम्+ कट = संकट
  8. सम्+ कीर्ण = संकीर्ण

6 . म् + अवर्गीय व्यंजन

  • म् – अनुस्वार
  1. सम् + विधान = संविधान
  2. सम् + श्लिष्ट = संश्लिष्ट
  3. सम्+ ज्ञान = संज्ञान
  4. सम्+ हिता = संहिता
  5. प्रियम + वदा = प्रियवंदा
  6. स्वयम्+ वर = स्वयंवर
  7. सम्+ शय = संशय

7 . इ / उ + स्थ = ष्ठ

  1. प्रति+ स्था = प्रतिष्ठा
  2. अनु + स्थान = अनुष्ठान
  3. प्रति + स्थान = प्रतिष्ठान
  4. युधि+ स्थिर = युधिष्ठिर
  5. अधि+ स्थाता = अधिष्ठाता
  6. नि + स्था = निष्ठा
  7. वि + स्था = विष्ठा

8 . ष् + त/ थ 

  • त – ट
  • थ – ठ
  1. स्रष् + ता = स्रष्टा
  2. सृष् + ति = सृष्टि
  3. पृष् + थ = पृष्ठ
  4. आकृष् + त = आकृष्ट
  5. निकृष् + त = निकृष्ट
  6. षष् + थ = षष्ठ 
  7. दृष् + ति = दृष्टि

9 . र/ ऋ/ ष + न = ण

  1. रामायण = राम + अयन
  2. प्रमाण = प्र + मान
  3. उत्तरायण  = उत्तर + अयन
  4. प्रांगण = प्र + आंगन
  5. प्रण = प्र + न
  6. प्रणय = प्र + अनय
  7. शूर्पणखा = शूर्प + नखा
  8. परिणय = परि + नय
  9. कृष्ण = कृष् + न
  10. तृण = तृ + न
  11. ऋण = ॠ + न
  12. परिमाण = परि + मान

10. त्/ द्+ श= च्/ छ / च्छ

  • त्/ द् = च, छ
  • श = छ/ च्छ
  1. उत् + श्वास = उच्छवास
  2. उत् + श्वसन = उच्छ्वसन
  3. सत्+ शिव = सच्छिव
  4. उत् + शास्र = उच्छास्त्र
  5. श्रीमत् + शरच्चन्द् = श्रीमच्छरचन्द्र
  6. मृद् + शकटिक = मृच्छकटिक
  7. उत् + शिष्ट = उच्छिष्ट
  8. उत् + श्रृंखल = उच्छृंखल

11 . ‘चागम’ की सन्धि

  • वर्ण / मात्रा + छ = ‘च्’ का आगम 
  1. वि + छेद = विच्छेद
  2. प्रति + छाया = प्रतिच्छाया 
  3. आ + छादित =  आच्छादित
  4. वृक्ष + छाया = वृक्षच्छाया 
  5. परि + छेद = परिच्छेद 
  6. अनु + छेद =  अनुच्छेद

12 . सम् + कार / करण / कृत / कृति / क्रिया / कारक

  •  म् = अनुस्वार / स्  आगम
  1. सम् + कार = संस्कार
  2. सम् + करण = संस्करण  
  3. सम् + कृत = संस्कृत
  4. सम् + कृति = संस्कृति
  5. सम् + क्रिया = संस्क्रिया
  6. सम् + कारक = संस्कारक 

13 .   परि + कार / करण / कृत / कृति / क्रिया / कारक

  • ष् का आगम 
  1. परि + कार = परिष्कार
  2. परि + करण = परिष्करण
  3. परि + कृत = परिष्कृत
  4. परि + कृति = परिष्कृति
  5. परि + क्रिया = परिस्क्रिया

14 .  त् / द्  +  च /  छ 

  • त् / द् = च्
  • उत्  + चारण = उच्चारण 
  • उत् + छेद = उच्छेद
  • उत् + चाटन = उच्चाटन
  • शरद् + चन्द्र= शरच्चन्द 
  • सत् + चिदानद = सच्चिदानद 
  • सत् + चरित = सच्चरित्र 
त् / द् + ज / झ 
त् / द् = ज् 
  1. उत् + ज्वल = उज्ज्वल
  2. उत् + झटिका =  उज्झटिका
  3. तडित् + ज्योति = तडिज्ज्योति
  4. यावत् + जीवन = यावज्जीवन 
  5. जगत् + जननी = जगज्जननी
  6. विपद + जाल = विपज्जाल
  7. तावत् + जीवन = तावज्जीवन 
त् / द् + ल
त् / द् = ल्
  1. उत् + लेख = उल्लेख
  2. तत् + लीन = तल्लीन 
  3. विपद् + लीन = विपल्लीन 
त् / द् + ट = ट्
  1. वृहत् + टीका = वृहट्टीका
  2. तत् + टीका = तट्टीका 
त् / द् + ड 
  • उत् + डयन = उडडयन 
  • भवत् + डमरू = भवड्डमरु
  • वृहत् + डमरू =  वृहड्डमरू

15 . यदि सन्धि शब्द की पहचान ‘त्’ से हो + अघोषीकरण

  • विच्छेद – त् – द् में बदलता
  1. उत्कर्ष  = उद् + कर्ष
  2. उत्कंठ = उद् + कंठ
  3. उत्क्षिप्त = उद् + क्षिप्त
  4. तत्सम = तद् + सम
  5. विपत्काल = विपद् + काल
  6. शरत्शशि = शरद् + शशि
  7. संसत्सदस्य  = ससद् + सदस्य
  8. उपनिषत्काल = उपनिषद् + काल
  9. आपत्ति = आपद् + ति
  10. विपत्ति = विपद् + ति
  11. सम्पत्ति = सम्पद् + ति
  12. संसत्सत्र = संसद् + सत्र
  13. उत्थान = उद् + स्थान
  14. उत्थित = उद् + स्थित

16 . ‘न्’ लोप की सन्धि 

  1. पक्षिन् + राज = पक्षिराज
  2. युवन् + वाणी = युववाणी
  3. आत्मन् + हंता = आत्महंता
  4. खेतिन्  + हर = खेतिहर
  5. पितृन् + हंता = पितृहंता
  6. प्राणिन् + विज्ञान = प्राणिविज्ञान
  7. युवन् + वर्ग = युववर्ग
  8. राजन् + ऋषि = राजर्षि

17 . अहन् की संधि 

  • अहन् + र = अहो में
  1. अहन् + रूप = अहोरूप
  2. अहन् + रात्रि = अहोरात्र
  3. अहन् + रज = अहोरज
  4. अहन् + रति = अहोरति
  5. अहन् + र से भिन्न
  6. अहन् = अहर में।
  7. अहन् + पति = अहर्पति
  8. अहन् + मुख = अहर्मुख
  9. ऊहन + गुण = अहर्गुण

‘अस् ‘ लोप सन्धि 

  • मनस् + ईषा = मनीषा
  • मनस् + ईषी = मनीषी
  • मनस् +  ईष = मनीष

विसर्ग सन्धि

i. अ : + घोष व्यंजन = विसर्ग – ओ मात्रा में

  1. मनः + विज्ञान = मनोविज्ञान
  2. तपः + भूमि = तपोभूमि 
  3. पुरः + हित = पुरोहित
  4. मनः + ज = मनोज
  5. अह : + भाग्य = अहोभाग्य
  6. सरः + वर = सरोवर
  7. शिर : + रुह = शिरोरुह
  8. अधः + भाग = अधोभाग
  9. वयः + वृद्ध = वयोवृद्ध
  10. रजः + गुण = रजोगुण
  11. तिर : + हित = तिरोहित
  12. मनः + हर = मनोहर
  13. तिरः + भाव = तिरोभाव

2 . विसर्ग T च / छ / श

  • विसर्ग = ‘श्’ में ।
  1. निः + छल = निश्छल
  2. निः + चय = निश्चय
  3. यशः + शरीर = यशश्शरीर
  4. निः + शुल्क = निश्शुल्क
  5. हरि : + चन्द्र = हरिश्चन्द्र
  6. बहिः + चक्र = बहिश्चक्र
  7. मनः + चिकित्सा = मनश्चिकित्सा
  8. मनः + चिकित्सक = मनश्चिकित्सक
  9. दुः + शासन = दुश्शासन
  10. दुः + चिता = दुश्चिता

3 . विसर्ग + त /थ / स

  • विसर्ग = ‘स्’ मे
  1. नमः + ते = नमस्ते
  2. बहिः + थल = बहिस्थल
  3. दुः + साहस = दुस्साहस
  4. नि : + तेज = निस्तेज
  5. पुनः + स्मरण = पुनस्मरण
  6. अतः सलिला = अंतस्सलिला

4 . इ / उ : + क / ख / ट / प / फ / म = विसर्ग – ष् में

  1. नि : + काम = निस्कान
  2. निः + पाप = निष्पाप
  3. दुः + खल = दुस्खल
  4. धनुः + टंकार = धनुष्टंकार
  5. चतुः + टीका = चतुष्टीका
  6. निः + फल = निष्फल
  7. वपुः + मान = वपुष्मान
  8. आयुः + मान = आयुष्मान
  9. दुः + कर्म = दुष्कर्म
  10. निः + कलंक = निष्कलंक
  11. चतुः + पथ = चतुष्पथ

5 . अः + असमान स्वर = विसर्ग लोप

  1. अतः + एव = अतएव
  2. यश + इच्छा = यशइच्छा
  3. मनः + उच्छेद =  मनउच्छेद
  4. तेजः + आभास = तेजआभास

6 . अः + क / प = विसर्ग सुरक्षित

  • रजः + कण = रज :कण
  • मनः + पूत = मनः पूत
  • पय : + पान = पय :पान
  • अतः + पुर = अन्तः पुर
  • अधः + पतन = अधःपतन
  • प्रातः + काल = प्रातःकाल
  • मनः + कामना = मनः कामना

अपवाद

  • नमः + कार = नमस्कार
  • पुरः + कार = पुरस्कार
  • वनः + पति = वनस्पति
  • भाः + कर = भास्कर
  • तिरः + कार = तिरस्कार

7 .  इ / उ : + र = ई / ऊ मात्रा में

  • इ = ई
  • उ = ऊ
  1. निः + रोग = नीरोग
  2. निः + रस = नीरस
  3. नि : + रव = नीरव
  4. निः + रन्ध्र = नीरन्ध
  5. दु : + राज = दूराज
  6. चक्षु : + रोग = चक्षूरोग
  7. निः + रज = नीरज
  8. दुः + रम्य = दूरम्य

8 . अः +  अ  = विसर्ग – ओ , ‘अ’ का लोप / अ – अवग्रह

  1. मनः + अभियोग = मनोभियोग
  2. क : + अपि = कोपि
  3. प्रथम : + अध्याय = प्रथमोध्याय
  4. मनः + अभिलाषा = मनोभिलाषा

9 . इ / उः + घोष वर्ण

  • विसर्ग – र् में
  1. निः + जन = निर्जन
  2. दुः + जन = दुर्जन
  3. यजुः + वेद = यजुर्वेद
  4. आयुः + वेद = आर्युवैद
  5. दुः + गम = दुर्गम
  6. दु : + ग = दुर्ग
  7. आशीः + वाद = आशीर्वाद
  8. आविः + भाव = आविर्भाव
  9. निः + अभिमान = निरभिमान
  10. निः + ईह = निरीह
  11. दुः + अभिसन्धि = दुरभिसन्धि
  12. निः + अवलम्ब = निरवलम्ब
  13. दुः + आग्रह = दुराग्रह
  14. दुः + अवस्था = दुरवस्था
  15. बहिः + अंग = बहिरंग
  16. निः + अंग = निरंग
  17. चतु : + भुज = चतुर्भुज 
  18. चतुः + युग = चतुर्युग
  19. निः + झर = निर्झर
  20. निः + धन = निर्धन

पुनः / अंत : + घोष वर्ण

  • विसर्ग = र् 
  • पुनः + जन्म = पुनर्जन्म
  • पुनः + अवलोकन = पुनरावलोकन
  • अंत : + आत्मा = अंतरात्मा 
  • अंतः + गत = अंतर्गत
  • अंत : + राष्ट्रीय = अंतराष्ट्रीय
  • अंतः + धान = अंतर्धान

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