संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति तथा दो सदन - राज्य सभा (राज्यों की परिषद) एवं लोकसभा (लोगों का सदन) होते हैं। राष्ट्रपति के पास संसद के दोनों में से किसी भी सदन को बुलाने या स्थगित करने अथवा लोकसभा को भंग करने की शक्ति है। भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को प्रवृत्त हुआ।
Indian Polity (भारतीय राजव्यवस्था)
संसद, सर्वोच्च न्यायालय, महान्यायवादी, नियंत्रक महालेखा परीक्षक
संघीय कार्यपालिका
महान्यायवादी
अनुच्छेद 76
महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है
भारत सरकार को विधिक मामलों में सलाह देने के कारण ‘प्रथम विधिक अधिकारी’ कहलाता है
सॉलिसिटर जनरल (1) तथा एडिशनल सॉलिसिटर (4) महान्यायवादी की सहायता करते हैं
m. c. सीतलवाड़ - भारत के प्रथम महान्यायवादी महान्यायवादी को भारत के राज्य क्षेत्र में सभी न्यायालय में सनी का अधिकार होगा वर्तमान में महान्यायवादी को 2 लाख 50 हजार रुपए प्रति माह मासिक वेतन मिलता है
संसद
संघीय विधायिका
भारत में संसदीय शासन व्यवस्था है
राज्यसभा
अनुच्छेद 80
इसमें राज्यसभा की संरचना का उल्लेख है
इसे राज्यों की सभा, स्थाई सभा, उच्च सदन कहा जाता है
राज्यसभा सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 हो सकती है
वर्तमान में 245 सदस्य हैं-
245 सदस्य
233 सदस्य संघ की इकाइयों का प्रतिनिधित्व करते हैं
राष्ट्रपति द्वारा 12 सदस्य मनोनीत + साहित्य, कला, विज्ञान और समाज सेवा के क्षेत्र में
राज्यसभा की सदस्यता के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष है
सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष होता है
इसमें 1/3 सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष बाद अवकाश प्राप्त करते हैं
3 अप्रैल 1952 को राज्यसभा का पहली बार गठन हुआ
13 मई 1952 को राज्यसभा की प्रथम बैठक हुई
23 अगस्त 1956 को इसका नाम राज्यसभा रखा गया
इसे पहले काउंसिल ऑफ द स्टेट्स कहा जाता था
भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है
अनुच्छेद 249
राष्ट्रीय महत्व के विषय पर कानून बनाने का प्रस्ताव राज्यसभा द्वारा रखा जा सकता है
अनुच्छेद 312
अखिल भारतीय सेवाओं का सृजन राज्यसभा द्वारा किया जाता है
लोकसभा
अनुच्छेद 81
इसमें लोकसभा की संरचना का उल्लेख है
इसे लोगों की सभा, अस्थाई सभा, भावनाओं का सदन, निम्न सदन, राष्ट्र का दर्पण भी कहा जाता है
लोकसभा में अधिकतम सदस्य संख्या 552 हो सकती है
552 सदस्य
550 सदस्य राज्यों के निर्वाचन क्षेत्र से और संघ राज्यों से + वर्तमान में 243 सदस्य
दो सदस्य, आग्ल भारतीय सदस्य (राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत) + 104 वां संविधान संशोधन, 2020 द्वारा यह प्रावधान हटा दिया गया
1951-52 में प्रथम आम चुनाव हुए थे
17 अप्रैल, 1952 को लोकसभा पहली बार गठित हुई थी
13 मई 1952 को लोकसभा की प्रथम बैठक हुई
लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष G.V. मावलंकर थे
लोकसभा के प्रथम उपाध्यक्ष अनंत स्वामी आयंगर थे
प्रोटेम स्पीकर- लोकसभा के अध्यक्ष के चुनाव तक लोकसभा की अध्यक्षता करता है, अन्य सदस्यों को शपथ दिलाता है
धन विधेयक- हमेशा पहले लोकसभा में रखा जाता है
संयुक्त अधिवेशन- लोकसभा अध्यक्ष इसकी अध्यक्षता करता है
लोकसभा सदस्य बनने की आयु 25 वर्ष या इससे अधिक
अधिकतम कार्यकाल 5 वर्ष
अब तक 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं
बजट
बजट फ्रांसीसी शब्द ‘बुजुट’ से बना है, जिसका अर्थ है ‘चमड़े का थैला’
भारत में वित्त मंत्रालय का ‘आर्थिक मामलों का विभाग’ बजट निर्माण का कार्य करता है
अनुच्छेद 212
इसमें बजट को ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ कहा गया है
अनुच्छेद 265
'बिना प्रतिनिधित्व के कोई कर नहीं' का उल्लेख इस अनुच्छेद में है
संचित निधि - कोई भी धन इसमें संसद की पूर्व स्वीकृति के बिना से निकाला/ जमा अथवा भारीत नहीं किया जा सकता
आकस्मिक निधि- इस पर राष्ट्रपति का अधिकार होता है
बजट फरवरी माह के अंतिम कार्य दिवस को रखा जाता है, जबकि 1 अप्रैल को वित्तीय वर्ष प्रारंभ होता है
लेखानुदान - अग्रिम अनुदान जो बजट की प्रक्रिया पूर्ण होने से पहले सरकार को दे दिया जाता है
कटौती प्रस्ताव- विपक्ष द्वारा लाया जाता है तथा यह तीन प्रकार की होती है
सांकेतिक कटौती
मितव्ययता कटौती
नीति कटौती
गिलोटिन- संसद में बजट सत्र के अंतिम दिनों में बिना बहस किया बजट पारित करना
भारत सरकार ने 21 दिसंबर 2016 को आम बजट के साथ रेल बजट का विलय कर दिया गया
श्रीमती निर्मला सीतारमण- 1 फरवरी 2023 को संसद में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया
न्यायपालिका
सर्वोच्च न्यायालय
अनुच्छेद 124
इस बात का उल्लेख है कि सर्वोच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश के अलावा सात अन्य न्यायाधीश होंगे
*- वर्तमान में एक मुख्य न्यायाधीश और 33 अन्य न्यायाधीश हैं
28 जनवरी 1950 को प्रथम महान्यायवादी M.C. सीतलवाड़ ने सर्वोच्च न्यायालय का उद्घाटन किया था
हीरालाल जै कनिया – प्रथम मुख्य न्यायाधीश थे
योग्यताएं
भारत का नागरिक हो
किसी उच्च न्यायालय में पिछले पांच वर्षों से बैठते हो अथवा किसी उच्च न्यायालय में पिछले 10 वर्षों से अधिवक्ता हो अथवा राष्ट्रपति की नजर में कानून का जानकार हो
वेतन
मुख्य न्यायाधीश – 2 लाख 80 हजार रुपए प्रति माह
अन्य न्यायाधीश – 2 लाख 50 हजार रुपए प्रति माह
नियुक्ति- राष्ट्रपति के द्वारा सेवानिवृत्ति आयु- 65 वर्ष
P.N. भगवती - भारत में P.I.L. के जनक
न्यायाधीशों को हटाना
कदाचार और साक्षमता के आरोप के आधार पर हटाया जा सकता है
सर्वोच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार
प्रारंभिक क्षेत्राधिकार
अपीलीय क्षेत्राधिकार
परामर्शदात्री क्षेत्राधिकार
अभिलेख न्यायालय
मौलिक अधिकारों का रक्षक
भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
नियुक्ति - अनुच्छेद 148 में CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है
पदावधि - 6 वर्ष अथवा 65 वर्ष जो भी पहले हो
CAG अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को देता है
संघ और राज्य दोनों स्तरों की समस्त वित्तीय प्रणाली का नियंत्रण CAG द्वारा किया जाता है
यह केंद्र सरकार के लेखो से संबंधित रिपोर्ट राष्ट्रपति को देता है
इसने संसद की लोक लेखा समिति के मित्र और मार्गदर्शन के रूप में जाना जाता है
वि नरहरि राव
भारत के प्रथम CAG
CAG को वर्तमान में 2 लाख 50 हजार रुपए प्रति माह वेतन मिलता है
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