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Rajasthan Geography (राजस्थान का भूगोल): ऐतिहासिक घटनाक्रम, भौतिक विभाग, राजस्थान की मिट्टिया, जलवायु एवं ऋतुए, प्राकृतिक वनस्पति, अपवाह तंत्र, खारे पानी की झीले, मीठे पानी की झीले, बांध और परियोजनाएं, कृषि और उद्यानिकी, पशुधन, जनसँख्या और साक्षरता, शिक्षा और शिक्षण संस्थान, चिकित्सा, उद्योग, खनिज, ऊर्जा, प्राकृतिक तेल और गैस , सहकारी तंत्र, खेलकूद, पर्यटन, परिवहन, राष्ट्रीय पार्क और अभ्यारण, ऐतिहासिक परिद्रस्य , किले, राजस्थान की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक स्थिति, प्रदेश की बोलिया, स्वतंत्रता संग्राम, एकीकरण, राजस्थान के किसान आंदोलन, स्वतन्त्रा सेनानी, वैज्ञानिक शोध, जातिया और जनजातिया, जन जीवन, राजस्थानी कहावतें, संत सम्प्रयदाय, लोक देवता, लोकदेविया, धार्मिक स्थल, चित्रकला, मेले और त्योहार, रीतिरिवाज़ , लोक प्रथाएं, खान पान, वेशभूषा और आभूषण , हस्त कला, लोकनाट्य, लोक वाद्य यन्त्र, जिला प्रशासन , वैधानिक संस्थाए, पंचायती राज, पप्रमुख योजनाए और कार्यक्रम, विविध राजस्थान की स्थिति, विस्तार और आकृति राजस्थान की स्थिति, विस्तार और आकृति राजस्थान की स्थिति, विस्तार और आकृति | Rajasthan Geography (राजस्थान का भूगोल) राजस्थान की स्थिति, विस्तार और आकृति | Rajasthan Geography (राजस्थान का भूगोल) राजस्थान की स्थिति, विस्तार और आकृति | Rajasthan Geography (राजस्थान का भूगोल) -Video राजस्थान स्थिति, विस्तार, आकृति एवं भौतिक स्वरूप राजस्थान की स्थिति राजस्थान की स्थिति एशिया में राजस्थान की स्थिति – दक्षिण पश्चिम विश्व में राजस्थान की स्थिति – उत्तर पूर्व भारत में राजस्थान की स्थिति – उत्तर पश्चिम सूर्य की स्थिति के आधार पर राजस्थान की स्थिति कर्क रेखा और मकर रेखा के मध्य उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वनस्पति पाई जाती है। भूमध्य रेखा पर दिन और रात बराबर होते हैं। भूमध्य रेखा पर उच्च तापमान और उच्च वर्षा होती है। भूमध्य रेखा का कर्क रेखा पर स्थानांतरण भूमध्य रेखा का कर्क रेखा पर स्थानांतरण यदि हम भूमध्य रेखा को कर्क रेखा पर स्थानांतरित कर देते हैं तो- इस स्थिति में भूमध्य रेखा की सारी विशेषताएं कर्क रेखा पर स्थानांतरित हो जाती है। उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वनों को ब्राजील में ‘सेल्वास’ तथा दक्षिणी अमेरिका में ‘अमेजन वर्षावन’ के नाम से जाना जाता है। अमेज़न वर्षा वनों को ‘पृथ्वी के फेफड़े’ के नाम से जाना जाता है। भूमध्य रेखा से ध्रुवों पर जाने पर होने वाले परिवर्तन- यदि हम भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाते हैं तो सूर्य की किरणों का तिरछापन बढ़ता है। भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर तापमान तथा जैव विविधता में कमी आती है। भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर दिन और रात की अवधि में वृद्धि होती है। भूमध्य रेखा से ध्रुवों पर जाने पर होने वाले परिवर्तन- सूर्य का सर्वाधिक तिरछापन - श्रीगंगानगर सूर्य का सर्वाधिक सीधापन - बांसवाड़ा कर्क संक्रांति कर्क संक्रांति सूर्य का कर्क रेखा पर सीधा चमकना। कर्क संक्रांति का दिन – 21 जून कर्क संक्रांति से कर्क रेखा पर प्रभाव उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटी रात उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु कर्क संक्रांति से मकर रेखा पर प्रभाव सबसे छोटा दिन शीत ऋतु सबसे बड़ी रात Q. बांसवाड़ा में व्यक्ति को कब अपनी परछाई नहीं दिखाई देती? कर्क संक्रांति पर (21 जून) क्योंकि कर्क संक्रांति पर सूर्य कर्क रेखा पर सीधा चमकता है। मकर संक्रांति सूर्य का मकर रेखा पर सीधा चमकना मकर संक्रांति से मकर रेखा पर प्रभाव ग्रीष्म ऋतु (22 दिसंबर) सबसे बड़ा दिन सबसे छोटी रात मकर संक्रांति से कर्क रेखा पर प्रभाव सबसे छोटा दिन शीत ऋतु सबसे बड़ी रात बसंत विषुवत सूर्य का उत्तरी गोलार्ध से विषुवत रेखा पर सीधा चमकना दिनांक – 21 मार्च बसंत विषुवत के दिन पूरे विश्व में दिन और रात की अवधि बराबर होती है शरद विषुवत सूर्य का दक्षिणी गोलार्ध से विषुवत रेखा पर सीधा चमकना दिनांक – 23 सितंबर राजस्थान के जिले बीते कुछ दिनों में राजस्थान में जिलों की संख्या 33 से बढ़कर 50 हो गई थी। इस प्रक्रिया में, राजस्थान के भौगोलिक स्थिति में काफी परिवर्तन आया। नवीन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान के जिलों के संबंध में जानकारी कुछ इस प्रकार है- राजसमंद राजसमंद की आकृति तिलक के समान है। नवीन जिलों से पूर्व सीकर की आकृति प्याले के समान थी, जो कि अब नहीं रही। राजस्थान में जयपुर की स्थिति केंद्र बिंदु से पूर्व की ओर है। राजस्थान में कोटा और चित्तौड़ की स्थिति केंद्र बिंदु से दक्षिण की ओर है। राजस्थान का भौगोलिक स्वरूप राजस्थान का भौगोलिक स्वरूप राजस्थान का अक्षांशीय विस्तार 23 डिग्री 30 मिनट उत्तरी अक्षांश से 30 डिग्री 12 मिनट उत्तरी अक्षांश तक। राजस्थान के अक्षांशों के मध्य का अंतर – 7 डिग्री 9 मिनट। राजस्थान की कुल लंबाई 826 किलोमीटर राजस्थान का सबसे दक्षिणी बिंदु – बोरकुंड, बांसवाड़ा राजस्थान का सबसे उत्तरी बिंदु – कोणा, गंगानगर राजस्थान का देशांतरीय विस्तार 69 डिग्री 30 मिनट पूर्वी देशांतर से 78 डिग्री 17 पूर्वी देशांतर मिनट तक। राजस्थान के देशांतरों के मध्य अंतर – 8 डिग्री 47 मिनट राजस्थान की कुल लंबाई 869 किलोमीटर। राजस्थान का पश्चिमी बिंदु – कटरा, जैसलमेर राजस्थान का पूर्वी बिंदु – सिलाना, धौलपुर राजस्थान – पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी. दक्षिणी बिंदु, एक डिग्री 111 किलोमीटर के बराबर होता है। अक्षांश का प्रयोग दूरी गणना के लिए किया जाता है। देशांतर का प्रयोग समय गणना के लिए किया जाता है। राजस्थान में, सीमा का विस्तार राजस्थान की कुल सीमा – 5920 किलोमीटर राजस्थान की स्थलीय सीमा – 5920 किलोमीटर राजस्थान की तटीय सीमा – लागू नहीं होता। राजस्थान की अंतर्राज्यीय सीमा – 4850 किलोमीटर राजस्थान की अंतरराष्ट्रीय सीमा – 1070 किलोमीटर राजस्थान की सीमा रेखाओं का निर्धारण अगस्त 1947 में हुआ। राजस्थान की सीमाओं का निर्धारण “सर सीरिल रेड क्लिप” (सीमा आयोग के अध्यक्ष) के द्वारा किया गया। विश्व के ऐसी रेखा जिसका निर्धारण कलम से किया गया। Tags: राजस्थान की स्थिति, विस्तार और आकृति राजस्थान की स्थिति एवं विस्तार Notes PDF, राजस्थान की भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार, राजस्थान की स्थिति एवं विस्तार के महत्वपूर्ण प्रश्न PDF, राजस्थान की स्थिति एवं विस्तार Map, एशिया में राजस्थान की स्थिति, राजस्थान की स्थिति एवं विस्तार Questions, राजस्थान की भौगोलिक स्थिति इन हिंदी PDF, राजस्थान की भौगोलिक स्थिति के प्रश्न,