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राजस्थान की स्थिति, विस्तार और आकृति
राजस्थान की स्थिति, विस्तार और आकृति | Rajasthan Geography (राजस्थान का भूगोल)
राजस्थान की स्थिति, विस्तार और आकृति | Rajasthan Geography (राजस्थान का भूगोल)
राजस्थान की स्थिति, विस्तार और आकृति | Rajasthan Geography (राजस्थान का भूगोल) -Video
राजस्थान की स्थिति
एशिया में राजस्थान की स्थिति – दक्षिण पश्चिम
विश्व में राजस्थान की स्थिति – उत्तर पूर्व
भारत में राजस्थान की स्थिति – उत्तर पश्चिम
सूर्य की स्थिति के आधार पर राजस्थान की स्थिति
कर्क रेखा और मकर रेखा के मध्य उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वनस्पति पाई जाती है।
भूमध्य रेखा पर दिन और रात बराबर होते हैं।
भूमध्य रेखा पर उच्च तापमान और उच्च वर्षा होती है।
भूमध्य रेखा का कर्क रेखा पर स्थानांतरण
यदि हम भूमध्य रेखा को कर्क रेखा पर स्थानांतरित कर देते हैं तो-
इस स्थिति में भूमध्य रेखा की सारी विशेषताएं कर्क रेखा पर स्थानांतरित हो जाती है।
उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन
उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वनों को ब्राजील में ‘सेल्वास’ तथा दक्षिणी अमेरिका में ‘अमेजन वर्षावन’ के नाम से जाना जाता है।
अमेज़न वर्षा वनों को ‘पृथ्वी के फेफड़े’ के नाम से जाना जाता है।
भूमध्य रेखा से ध्रुवों पर जाने पर होने वाले परिवर्तन-
यदि हम भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाते हैं तो सूर्य की किरणों का तिरछापन बढ़ता है।
भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर तापमान तथा जैव विविधता में कमी आती है।
भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर दिन और रात की अवधि में वृद्धि होती है।
सूर्य का सर्वाधिक तिरछापन - श्रीगंगानगर सूर्य का सर्वाधिक सीधापन - बांसवाड़ा
कर्क संक्रांति
सूर्य का कर्क रेखा पर सीधा चमकना।
कर्क संक्रांति का दिन – 21 जून
कर्क संक्रांति से कर्क रेखा पर प्रभाव
उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन
उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटी रात
उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु
कर्क संक्रांति से मकर रेखा पर प्रभाव
सबसे छोटा दिन
शीत ऋतु
सबसे बड़ी रात
Q. बांसवाड़ा में व्यक्ति को कब अपनी परछाई नहीं दिखाई देती? कर्क संक्रांति पर (21 जून) क्योंकि कर्क संक्रांति पर सूर्य कर्क रेखा पर सीधा चमकता है।
मकर संक्रांति
सूर्य का मकर रेखा पर सीधा चमकना
मकर संक्रांति से मकर रेखा पर प्रभाव
ग्रीष्म ऋतु (22 दिसंबर)
सबसे बड़ा दिन
सबसे छोटी रात
मकर संक्रांति से कर्क रेखा पर प्रभाव
सबसे छोटा दिन
शीत ऋतु
सबसे बड़ी रात
बसंत विषुवत
सूर्य का उत्तरी गोलार्ध से विषुवत रेखा पर सीधा चमकना
दिनांक – 21 मार्च
बसंत विषुवत के दिन पूरे विश्व में दिन और रात की अवधि बराबर होती है
शरद विषुवत
सूर्य का दक्षिणी गोलार्ध से विषुवत रेखा पर सीधा चमकना
दिनांक – 23 सितंबर
राजस्थान के जिले
बीते कुछ दिनों में राजस्थान में जिलों की संख्या 33 से बढ़कर 50 हो गई थी।
इस प्रक्रिया में, राजस्थान के भौगोलिक स्थिति में काफी परिवर्तन आया।
नवीन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान के जिलों के संबंध में जानकारी कुछ इस प्रकार है-
राजसमंद
राजसमंद की आकृति तिलक के समान है।
नवीन जिलों से पूर्व सीकर की आकृति प्याले के समान थी, जो कि अब नहीं रही।
राजस्थान में जयपुर की स्थिति केंद्र बिंदु से पूर्व की ओर है। राजस्थान में कोटा और चित्तौड़ की स्थिति केंद्र बिंदु से दक्षिण की ओर है।
राजस्थान का भौगोलिक स्वरूप
राजस्थान का अक्षांशीय विस्तार
23 डिग्री 30 मिनट उत्तरी अक्षांश से 30 डिग्री 12 मिनट उत्तरी अक्षांश तक।
राजस्थान के अक्षांशों के मध्य का अंतर – 7 डिग्री 9 मिनट।
राजस्थान की कुल लंबाई 826 किलोमीटर
राजस्थान का सबसे दक्षिणी बिंदु – बोरकुंड, बांसवाड़ा
राजस्थान का सबसे उत्तरी बिंदु – कोणा, गंगानगर
राजस्थान का देशांतरीय विस्तार
69 डिग्री 30 मिनट पूर्वी देशांतर से 78 डिग्री 17 पूर्वी देशांतर मिनट तक।
राजस्थान के देशांतरों के मध्य अंतर – 8 डिग्री 47 मिनट
राजस्थान की कुल लंबाई 869 किलोमीटर।
राजस्थान का पश्चिमी बिंदु – कटरा, जैसलमेर
राजस्थान का पूर्वी बिंदु – सिलाना, धौलपुर
एक डिग्री 111 किलोमीटर के बराबर होता है।
अक्षांश का प्रयोग दूरी गणना के लिए किया जाता है।
देशांतर का प्रयोग समय गणना के लिए किया जाता है।
राजस्थान में, सीमा का विस्तार
राजस्थान की कुल सीमा – 5920 किलोमीटर
राजस्थान की स्थलीय सीमा – 5920 किलोमीटर
राजस्थान की तटीय सीमा – लागू नहीं होता।
राजस्थान की अंतर्राज्यीय सीमा – 4850 किलोमीटर
राजस्थान की अंतरराष्ट्रीय सीमा – 1070 किलोमीटर
राजस्थान की सीमा रेखाओं का निर्धारण अगस्त 1947 में हुआ।
राजस्थान की सीमाओं का निर्धारण “सर सीरिल रेड क्लिप” (सीमा आयोग के अध्यक्ष) के द्वारा किया गया।
विश्व के ऐसी रेखा जिसका निर्धारण कलम से किया गया।
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