Wakeup India - Untuntold Stories: जीवन एक है, जब तक कुछ बेहतरीन नहीं किया जाये तब तक क जीने का मजा ही नहीं। जो कुछ ऐसा करते है, जिससे भारत का गौरव बढ जाये और हमें कुछ सीखने को मिले। कुछ ऐसी ही अनकही कहानिया आप तक पहुंचे और आप अपने जीवन को अधिकतम सफलतम बना पाए।
Ratan Tata Biography
शुरुआती कदम
1998 में टाटा मोटर्स में अपनी पहली कार इंडिका बाजार में उतारी, 1 साल तक इसकी बिक्री अच्छे से नहीं हुई। ऐसी स्थिति में रतन टाटा ने कार डिविजन बेचने की सलाह दी। कहीं कंपनियों के साथ बातचीत करके सलाह मशवरा किया गया, अमेरिका की मशहूर कंपनी फोर्ड ने रतन टाटा को कंपनी में बुलाया और कुछ ऐसा कह दिया जिससे उनके मन पर गहरा प्रभाव पड़ा। रतन टाटा के प्रति फोर्ड कंपनी का रवैया अपमानजनक था फोर्ड के मालिक ने कहा ” जब आपको पैसेंजर कर के बारे में पता ही नहीं तो आपने कार बिजनेस शुरू क्यों किया, हम आपसे यह कार खरीद कर आप पर एहसान कर रहे हैं”
इसके पश्चात रतन टाटा अमेरिका के डेट्रायट शहर से न्यूयॉर्क लौट गए, अमेरिका से आते वक्त उनमें एक उदासी और निराशा थी। इस घटना के 9 साल बाद 2008 में फोर्ड कंपनी का दिवालिया शुरू हो गया और इस समय रतन टाटा ने फोर्ड की लग्जरी ब्रांड JAGUAR खरीदने का फैसला किया।
इस समय रतन टाटा की बारी थी, और फोर्ड कंपनी ने कहा – ” यह कार खरीद कर आप हम पर एहसान कर रहे हैं” फोर्ड कंपनी को नुकसान हो रहा था और रतन टाटा इस मुनाफे में लेकर गए। यह एक छोटी सी कहानी जो उनकी सफलता को दर्शाती है, ऐसी कई कहानियां और है जिससे इनका व्यक्तित्व उभर कर सामने आता है।
बिजनेस के क्षेत्र में किया कमाल
रतन टाटा ने बिजनेस के क्षेत्र में कई उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल की है। टाटा समूह की सफलता में रतन टाटा का सबसे बड़ा सहयोग रहा है। चलिए रतन टाटा के बारे में कुछ और कहानी के रूप में जानते हैं। सुई से लेकर जहाज तक बड़े-बड़े उपकरण सामान बनाने में टाटा ग्रुप का नाम प्रसिद्ध है। सुबह से शाम तक मैं उपयोग की जाने वाली वस्तुओं में टाटा का नाम तो आता ही होगा। टाटा नमक, टाटा की दाल, टाटा चाय, टाटा मसाले, टाटा स्टील, टाटा पावर, टाटा केमिकल और टाटा मोटर्स की कारें, अब आप सोच ही सकते हैं टाटा ग्रुप को इतनी सफलता दिलाने में रतन टाटा ने कितना सहयोग किया होगा।
इनकी प्रसिद्धि इस बात से देखी जा सकती है, जन्मदिन पर बधाइयां देने के लिए सोशल मीडिया पर कई लोग लाइन में लगे रहते हैं और बड़े छोटे रतन टाटा को अपना आदर्श मानते हैं।
रतन टाटा का जन्म
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ। रतन टाटा नवल और सोनी टाटा के घर में पैदा हुए। उनकी दादी ने परवरिश की। आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई कैंपन स्कूल मुंबई से की। फिर वो मुंबई के कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल गए। इसके बाद रतन टाटा ने शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से पढ़ाई की और 1955 में न्यूयॉर्क के रिवर डेल कंट्री स्कूल से ग्रेजुएट हुए। इसके बाद साल 1959 में उन्होंने अमेरिका की कर्नल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।
कैसे की रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत?
1962 में भारत लौटने के बाद उन्होंने टाटा ग्रुप को जवाइन किया विदेश से पढ़ाई करके लौटे रतन टाटा के परिवार के लोग टाटा समूह के मालिक थे। रतन टाटा भले ही टाटा फैमिली के मेंबर थे, फिर भी वह कंपनी के सारे काम करते थे।
रतन टाटा कंपनी के काम की बारीकियों को सीखना चाहते थे इसलिए उन्होंने हर वो काम किया जो उस फैक्ट्री में हो रहा था। अपने व्यवहार और काम से, वो मजदूरों से लेकर अफसरों के बीच लोकप्रिय होते चले गए।
टाटा समूह की लोकप्रियता में योगदान?
रतन टाटा के लिए साल 1991 बेहद अहम रहा है उन्हें टाटा संस और टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में अहम जिम्मेदारी दी गई। रतन टाटा की लीडरशिप में टाटा समूह ने खूब तरक्की की। 21 साल तक उन्होंने कंपनी का सफल नेतृत्व किया। कंपनी को बुलंदियों तक पहुंचाने में मदद की।
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने कई कंपनियों का अधिग्रहण किया। उनके लीडरशिप में टाटा समूह 36 से अधिक कंपनियों का अधिग्रहण किया। इस अधिग्रहण में कोरस स्टील से लेकर जगर और लैंडरोवर जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
विदेश में किया डोनेशन?
उनकी मेहनत का नतीजा रहा है कि टाटा ग्रुप का कारोबार 100 से ज्यादा देशों तक फैला है, बिजनेस के अलावा रतन टाटा को उनके परोपकारी कामों के लिए भी जाना जाता है।रतन टाटा ने अमेरिका की कॉनल यूनिवर्सिटी में करीब 233 करोड़ दान दिए थे। इससे गरीब भारती स्टूडेंट्स की मदद की जाती है। इसके साथ ही हार्वर्ड बिजनेस स्कूल ने छात्रों की मदद के लिए 416 करोड़ रुपए दान किए थे।
इसके अलावा आईआईटी बॉम्बे में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने 2014 में 95 करोड़ रपए की राशि दान दी थी। इसके साथ ही वो हर साल काफी पैसा परोपकारी कार्यों में खर्च करते हैं।
क्या रतन टाटा शादीशुदा थे?
अब रतन टाटा के बारे में कुछ दिलचस्प किस्से भी जान लेते हैं, रतन टाटा अविवाहित है। खास बात यह है कि अलग-अलग वजहों से उन्होंने शादी नहीं की। उन्होंने एक बार स्वीकार भी किया था, कि जब वे अमेरिका के लॉस एंजलिस में काम कर रहे थे। तब एक समय ऐसा आया था, जब उन्हें प्यार हो गया लेकिन 1962 के भारत चीन युद्ध के कारण लड़की के माता-पिता उन्हें भारत भेजने के विरोध में थे। जिसके बाद उन्होंने कभी शादी नहीं की।
फ्लाइट ऑफ फ्लाइंग बहुत पसंद – रतन टाटा
रतन टाटा को फ्लाइट ऑफ फ्लाइंग बहुत पसंद है। वे एक स्किल्ड पायलट हैं। रतन टाटा 2007 में f16 फलकन चलाने वाले पहले भारतीय थे। जमशेद जी टाटा के दिनों से टाटा संस के मुख्यालय बॉम्बे हाउस में बारिश के दौरान आवारा कुत्तों को आने देने की परंपरा रही है। बॉम्बे हाउस में अब आवारा कुत्तों के लिए घर भी है। वे कई गैर सरकारी संगठनों और एनिमल शेल्टर्स को दान भी करते रहते हैं।
कहानी नैनो की।
भारत के मध्यम वर्ग के लोगों के पास अपनी कार हो। इसलिए उन्होंने लखटकिया कार नैनो लॉन्च की नैनो लॉन्च हुई लेकिन असफल रही। रतन टाटा के शानदार नेतृत्व में टाटा ग्रुप का रेवेन्यू 40 गुना से ज्यादा बढ़ गया। मुनाफा भी 50 गुना से ज्यादा हो गया। रतन टाटा के लिए काम का मतलब पूजा करना है। उनका कहना है काम तभी बेहतर होगा जब आप उसकी इज्जत करेंगे।
रतन टाटा का सरल स्वभाव?
रतन टाटा की सबसे बड़ी खासियत है- “उनका शांत और सौम्य बना रहना” रतन टाटा कहते हैं कि “आपको किसी काम में सफलता पानी है तो उस काम की शुरुआत भले ही आप अकेले करें लेकिन उसे बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए लोगों का साथ बेहद जरूरी है”
टाटा समूह का नया मलिक आखिर कौन?
रतन टाटा के साथ आपने एक लड़के को अक्सर देखा होगा आए दिन रतन टाटा के साथ इनकी तस्वीरें वायरल होती रहती हैं, इनका नाम है “शांतन नाइड” और यह रतन टाटा के मैनेजर हैं। अब शांतनु नायडू को बहुत से लोग जानने लगे हैं। रतन टाटा इन्हें अपने बेटे की तरह मानते हैं। शांतनु रतन टाटा के कारोबार के साथ उनके निवेश को भी देखते हैं।