संविधान संशोधन | Indian Polity (भारतीय राजव्यवस्था)

Indian Polity (भारतीय राजव्यवस्था): भारतीय राजव्यवस्था के संबंध में विभिन्न जानकारी अपडेट की जाती है। इसमें भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित नोट्स, शॉर्ट नोट्स और मैपिंग के द्वारा विस्तृत अध्ययन करवाया जाता है। क्वीज टेस्ट के माध्यम से अपनी तैयारी पर रखने का बेहतरीन अवसर। आज ही अपनी तैयारी को दमदार बनाने के लिए पढ़िए भारतीय राजव्यवस्था।

संविधान संशोधन

संविधान संशोधन Indian Polity (भारतीय राजव्यवस्था)
संविधान संशोधन Indian Polity (भारतीय राजव्यवस्था)

प्रमुख संवैधानिक संशोधन

भारतीय संविधान में संशोधन की प्रक्रिया को तीन भागों में बांटा गया है
  1. साधारण बहुमत
  2. विशेष बहुमत
  3. विशेष बहुमत तथा आधे से अधिक राज्यों के बहुमत द्वारा
*- अनुच्छेद 368 में संविधान में संशोधन की प्रक्रिया का उल्लेख है, उपयुक्त 2 व 3 में दिया संशोधन अनुच्छेद 368 के तहत है
  • प्रथम संविधान संशोधन- वर्ष 1951 में, इसमें 9th अनुसूची जोड़ी गई
  • सातवां संविधान संशोधन- वर्ष 1956 में भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया
  • दसवां संविधान संशोधन- वर्ष 1961 में दादर एवं नगर हवेली को भारत में शामिल कर केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया
  • 12th संविधान संशोधन- 1962 में गोवा, दमन एवं दीव को भारत में संघ शासित प्रदेश के रूप में शामिल किया गया
  • 13th संविधान संशोधन- 1962 में नागालैंड के संबंध में विशेष प्रावधान किए गए
  • 15th संविधान संशोधन- वर्ष 1963 में इसके द्वारा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़कर 62 वर्ष कर दी गई
  • 16th संविधान संशोधन- 1963 में इसके द्वारा अनुच्छेद 19 खंड 2, 3 और 4 में भारत की प्रभुता और अखंडता के हित में शब्दों को जोड़ा गया
  • 18th संविधान संशोधन- वर्ष 1966 में इसके द्वारा अनुच्छेद 3 में राज्य शब्द के अंतर्गत संघ राज्य क्षेत्र भी आते हैं, ऐसा जोड़ा गया
  • 21th संविधान संशोधन- 1967 में इसके तहत सिंधी भाषा (15वीं) को संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया
  • 24th संविधान संशोधन- 1971 में इसके तहत अनुच्छेद 13 और अनुच्छेद 368 में संशोधन किया गया, अनुच्छेद 368 द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया कि इसमें संविधान संशोधन करने की प्रक्रिया एवं शक्ति दोनों शामिल है तथा अनुच्छेद 13 की कोई बात संविधान संशोधन विधि पर लागू नहीं होगी
  • 25th संविधानसंशोधन- 1971 में इसे बैंकों के राष्ट्रीयकरण के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय से उत्पन्न कठिनाई को दूर करने के लिए पारित किया गया
  • 26th संविधान संशोधन- 1971 में इसे माधव राव सिंधिया बनाम भारत संघ (प्रिवी पर्स मामले में) में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय की कठिनाइयों को दूर करने के लिए पारित किया गया था
  • 28th संविधान संशोधन- 1972 में इसके द्वारा भारत सिविल सर्विस अधिकारियों को प्राप्त विशेषाधिकारों को समाप्त कर दिया गया
  • 31th संविधान संशोधन- 1973 में लोकसभा सदस्यों की संख्या 525 से 545 कर दी गई
  • 33th संविधान संशोधन- 1974 में इसके तहत संसद तथा विधानसभा सदस्यों द्वारा दबाव में या जबरदस्ती किए जाने पर इस्तीफा देना अवैध घोषित किया गया
  • 36th संविधान संशोधन- 1975 में इसके द्वारा सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया
  • 39th संविधान संशोधन- वर्ष 1975 में इसके द्वारा राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और के निर्वाचन संबंधी विवादों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकेगी
  • 42th संविधान संशोधन- 1976 में संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी, पंथनिरपेक्ष और अखंडता नामक शब्द जोड़े गए
  • 44th संविधान संशोधन- 1978 में राष्ट्रीय आपातकाल में ‘आंतरिक अशांति’ के स्थान पर ‘सशस्त्र विद्रोह’ शब्द लिखा गया
  • 46th संविधान संशोधन- वर्ष 1982 में इसके द्वारा कर चोरी रोकने के लिए उपबंध किया गया
  • 50th संविधान संशोधन- 1984 में इसके द्वारा अनुच्छेद 33 को पुन स्थापित करके सुरक्षा बलों के मूल अधिकारों को प्रतिबंधित किया गया
  • 52th संविधान संशोधन- 1985 में इसके द्वारा संविधान संशोधन में दसवीं अनुसूची को जोड़कर दल बदल रोकने के लिए प्रावधान किया गया
  • 61th संविधान संशोधन- 1989 में मतदाता की मतदान हेतु आयु 21 वर्ष से घटकर 18 वर्ष की गई
  • 65th संविधान संशोधन- 1990 में इसके द्वारा अनुच्छेद 338 में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति राष्ट्रीय आयोग के गठन का प्रावधान किया गया
  • 70th संविधान संशोधन- 1992 में किसके द्वारा दिल्ली तथा पुडुचेरी संघ राज्य क्षेत्र के विधानसभा सदस्यों को राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में शामिल करने का प्रावधान किया गया
  • 71th संविधान संशोधन- 1992 में इसके द्वारा आठवीं अनुसूची में तीन भाषाओं कोकणी, मणिपुरी तथा नेपाली को शामिल किया गया
  • 73th संविधान संशोधन- 1992 में इसके द्वारा पंचायती राज की व्यवस्था का उपबंध किया गया
  • 74th संविधान संशोधन- 1992 में इसके द्वारा नगर पालिका की व्यवस्था का उपबंध किया गया
  • 86th संविधान संशोधन- 2002 में इसके द्वारा 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए अनिवार्य एवं नि:शुल्क शिक्षा हेतु अनुच्छेद 21A जोड़ा गया
  • 89th संविधान संशोधन- 2003 में इसके द्वारा अनुच्छेद 338A को जोड़कर अनुसूचित जनजाति के लिए पृथक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना का प्रावधान किया गया
  • 91th संविधान संशोधन- 2003 में इसके द्वारा दसवीं अनुसूची में संशोधन कर दल बदल व्यवस्था को और अधिक कठोर बनाया गया
  • 92th संविधान संशोधन- 2003 में इसके द्वारा संविधान की आठवीं अनुसूची में चार नई भाषाओ बोडो, डोंगरी, मैथिली, और संथाली को शामिल किया गया
  • 97th संविधान संशोधन- 2011 में इस संशोधन द्वारा अनुच्छेद 19(1)(c) में सहकारी समितियां नामक शब्द जोड़ा गया
  • 99th संविधान संशोधन- वर्ष 2014 में राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग से संबंधित था, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया
  • 100th संविधान संशोधन- वर्ष 2015 में भारत बांग्लादेश के मध्य जमीन का हस्तानांतरण
  • 101th संविधान संशोधन- 2016 में वस्तु एवं सेवा कर- GST लागू किया गया
  • 102th संविधान संशोधन- 2018 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन का प्रावधान किया गया
  • 103th संविधान संशोधन- वर्ष 2019 में आर्थिक वंचना को पिछड़ेपन का आधार मानते हुए 10% आरक्षण की व्यवस्था की गई
  • 104th संविधान संशोधन- वर्ष 2019 में SC और ST के लिए आरक्षण की अवधि को 10 वर्ष के लिए बढ़ाया गया + लोकसभा और विधानसभा में एंग्लो इंडियन के लिए सीटों के आरक्षण को समाप्त किया गया
  • 105th संविधान संशोधन- 2021 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की शक्तियां और जिम्मेदारियां स्वतंत्र राज्य सूचियो पर लागू नहीं होती है

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