आधुनिक भारत का इतिहास (Modern History): आधुनिक भारत का इतिहास (Modern History) के संबंध में विभिन्न जानकारी अपडेट की जाती है। इसमें आधुनिक भारत का इतिहास (Modern History) से संबंधित नोट्स, शॉर्ट नोट्स और मैपिंग के द्वारा विस्तृत अध्ययन करवाया जाता है। क्वीज टेस्ट के माध्यम से अपनी तैयारी पर रखने का बेहतरीन अवसर। आज ही अपनी तैयारी को दमदार बनाने के लिए पढ़िए आधुनिक भारत का इतिहास (Modern History)।
भारत छोड़ो आंदोलन और प्रमुख व्यक्तित्व
भारत छोड़ो आंदोलन और प्रमुख व्यक्तित्व
भारत छोड़ो आंदोलन (9 अगस्त 1942)
- अगस्त क्रांति के नाम से जाना जाता है
- भारत छोड़ो आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक ऐसा जन आंदोलन था जिसने ब्रिटिश सरकार की जड़े हिला दी
- मार्च 1942 के क्रिप्स मिशन के असफलता ने भारतीय जनता को निराश किया
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कीमतों में वृद्धि एवं आवश्यक वस्तुओं की कमी के कारण भारतीय जनता में असंतोष के भावनाएं बढ़ गई
- ब्रिटेन द्वितीय विश्व युद्ध में मलाया, सिंगापुर, और बर्मा में पीछे हट रहा था जापान ने इन पर अधिकार कर लिया
- ऐसे समय में महात्मा गांधी ने अपने पत्र ‘हरिजन’ में अंग्रेजों से भारत छोड़ने की बात करते हुए लिखा कि भारत में अंग्रेजों की उपस्थिति जापानियों को भारत पर आक्रमण करने का निमंत्रण है
- गांधी जी ने अंग्रेजों से भारत को ईश्वर के हाथों में अथवा अराजकता में छोड़ने की बात कह दी
- गांधी ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध अहिंसक आंदोलन प्रारंभ किया
- अबुल कलाम आजाद और जवाहरलाल नेहरू इसके पक्ष में नहीं थे, उन्हें महात्मा गांधी की यह योजना अव्यावहारिक लगी
- गांधी जी ने कांग्रेस को अपने प्रस्ताव को स्वीकार न किए जाने की स्थिति में चुनौती देते हुए कहा कि ‘मैं देश की बालू से ही कांग्रेस से भी बड़ा आंदोलन खड़ा कर दूंगा’
वर्धा प्रस्ताव- 14 जुलाई 1942 को कांग्रेस कार्य समिति ने 'अंग्रेजों भारत छोड़ो प्रस्ताव' पारित किया
आंदोलन का प्रारंभ
- 7 अगस्त 1942 को बंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बैठक में एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया. 8 अगस्त 1942 को बंबई के ग्वालियर टैंक में एक ऐतिहासिक सभा में महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया
- 9 अगस्त को तड़के ‘ऑपरेशन जीरो ओवर’ के तहत कांग्रेस के सभी बड़े नेता गिरफ्तार कर लिए गए
- गांधीजी और सरोजिनी नायडू को पुना के आगा खा महल में तथा अन्य नेताओं को अहमदनगर के किले में रखा गया और कांग्रेस को अवैधानिक संस्था घोषित कर दिया गया
- स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान यह पहला ऐसा आंदोलन था जो नेतृत्व विहीन होने के बावजूद उत्कर्ष तक पहुंचा
- राष्ट्रीय नेताओं की गिरफ्तारी से जन आक्रोश फैल गया
- देश में बंबई , अहमदाबाद, पुना , दिल्ली, कानपुर, इलाहाबाद, पटना प्रमुख शहरों में बड़े-बड़े जुलूस निकाले गए। स्कूल कॉलेज एवं कारखाने में हड़ताल की गई। स्थान स्थान पर स्वत: स्फूर्त आंदोलन होने लगे
- ब्रिटिश दमन चक्र से आक्रोशीत जनता हिंसात्मक कार्यवाहियों में लिप्त हो गई
- भीड़ ने ब्रिटिश सत्ता के प्रतिको पुलिस थाने, डाकघर, न्यायालय, रेलवे स्टेशन इत्यादि पर आक्रमण किया
- सार्वजनिक भवनों पर तिरंगा फहराया जाने लगा
- रेलवे की प्रक्रिया उखाड़ने, पुल उड़ा देने, टेलीफोन और तार की लाइन काट देने का सिलसिला चलता रहा
- सरकारी अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और मुखबिरों पर हमले हुए
- समाजवादी अच्युत पटवर्धन, जयप्रकाश नारायण, डॉ राम मनोहर लोहिया, श्रीमती अरुण आसिफ अली, ने भूमिगत होकर आंदोलन में योगदान दिया
- सुमति मोरारजी ने अच्युत पटवर्धन के लिए प्रतिदिन एक नई कर की व्यवस्था की और गिरफ्तार होने से बचाया
- राम मनोहर लोहिया कांग्रेस रेडियो पर बोलते रहे
- अरुण आसफ अली मुंबई में सक्रिय रही, उन्होंने ग्वालियर टैंक मैदान में तिरंगा फहराया
- भारत छोड़ो ‘युसूफ मेहर अली’ ने दिया
आंदोलन के दौरान स्थापित समानांतरित सरकार (प्रति सरकार)
- सतारा, बलिया और मिदनापुर में भारत छोड़ो आंदोलन के समय समानांतर सरकार स्थापित की गई
स्थान, नेता और अवधि
बलिया, उत्तर प्रदेश - चितु पांडे (एक सप्ताह- अगस्त 1942)
मिदनापुर, बंगाल - सतीश सामंत (17 दिसंबर 1942 से सितंबर 1944 तक)
सतारा, महाराष्ट्र - नाना पाटील (सबसे लंबे समय तक वर्ष 1945 तक)
- 10 फरवरी 1943 में गांधी जी ने जेल में उपवास आरंभ किया
- अंग्रेज सरकार गांधी जी पर दबाव डालती रही कि वह भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान हुई हिंसात्मक गतिविधियों की भत्सर्ना करें
- गांधी का मानना था कि आंदोलन के हिंसक रूप के लिए ब्रिटिश सरकार उत्तरदाई थी
- गांधी जी की रिहाई की मांग उठने लगी
- वायसराय के कार्यकारिणी परिषद के तीन सदस्य M.S. एनी N.R. सरकार एवं H.P. मोदी ने इस्तीफा दे दिया
- एक तरफ भारतीय जनता के विभिन्न वर्ग गांधी जी को रिहा करने की मांग कर रहे थे तो दूसरी ओर ब्रिटिश सरकार गांधी जी के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे
- गांधी जी को बीमारी के आधार पर 6 में 1944 को रिहा कर दिया गया
- वर्ष 1942 के अंत तक 60,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था
- पुलिस एवं सेवा की गोलीबारी में 10,000 से भी अधिक लोग मारे गए
- मुस्लिम लीग ने इस आंदोलन में निरपेक्षता की नीति अपनाई
- मुस्लिम लीग के मोहम्मद अली जिन्ना ने मुसलमानों से अपील की के वे इस आंदोलन से बिल्कुल अलग रहे, जब कांग्रेस के प्रमुख नेता जेल में थे तब जिन्ना ने मुस्लिम लीग को 23 मार्च 1946 को पाकिस्तान दिवस मनाने को कहा
- साम्यवादियों ने कांग्रेस से भारत छोड़ो आंदोलन वापस लेने के लिए कहा
- कम्युनिस्ट पार्टी ने अंग्रेज़ सरकार का सहयोग किया
- नेतृत्व विहीन यह आंदोलन भारतीय जनता के संघर्ष एवं बलिदान का अनूठा उदाहरण है
- युवा, महिलाओं, किसानो आदि विभिन्न वर्गों ने बड़ी वीरता से इस आंदोलन में भाग लिया और यातनाएं सहन की
- अरुणा आसफ अली और सुचेता कृपलानी जैसी महिलाओं ने भूमिगत होकर कार्य किया
- उषा मेहता कांग्रेस रेडियो चलने वाले समूह के सदस्या थी
- मजदूर वर्ग की भूमिका इस आंदोलन में सक्रिय थी
- भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान होने वाले कार्यों की रूपरेखा हरिजन पत्रिका में K.G. मशरूवाला ने तैयार की
पुस्तके, नारे और उपनाम
स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित पुस्तक
- न्यू लैंप्स फॉर ओल्ड- अरविंद घोष
- वंदे मातरम, लाइफ डिवाइन- अरविंद घोष
- हिंद स्वराज (1909 ई)- महात्मा गांधी
- माय एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ – महात्मा गांधी
- नील दर्पण- दीनबंधु मित्र
- इंडिया विंग फ्रीडम- अबुल कलाम आजाद
- पाथेर पांचाली- विभूति भूषण बनर्जी
- इंडियन अनरेस्ट- वैलेंटाइन चिरौल
- में नास्तिक क्यों हूं- भगत सिंह
- भारत एक खोज, ग्लिंपसेज का वर्ल्ड हिस्ट्री- जवाहरलाल नेहरू
- आनंद मठ- बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
- द इंडियन स्ट्रगल, ओंन क्रॉस रोड- सुभाष चंद्र बोस
- पॉवर्टी एंड अनब्रिटिश रूल इन इंडिया- दादाभाई नौरोजी
- गीता रहस्य- बाल गंगाधर तिलक
- आर्कटिक होम इन द वेदास- बाल गंगाधर तिलक
- इंडिया डिवाइडेड- डॉ राजेंद्र प्रसाद
- नेशन इन मेकिंग- सुरेंद्रनाथ बनर्जी
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख वचन एवं नारे
- इंकलाब जिंदाबाद- भगत सिंह
- दिल्ली चलो- सुभाष चंद्र बोस
- करो या मरो, हे राम, भारत छोड़ो- महात्मा गांधी
- जय हिंद- सुभाष चंद्र बोस
- वेदों की ओर लौटो- दयानंद सरस्वती
- जय जवान, जय किसान (1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के समय)- लाल बहादुर शास्त्री
- मारो फिरंगी को- मंगल पांडे
- कर मत दो- सरदार वल्लभभाई पटेल
- संपूर्ण क्रांति- जयप्रकाश नारायण
- विजय विश्व तिरंगा प्यारा- श्यामलाल गुप्त ‘पार्षद’
- वंदे मातरम- बंकिम चंद्र चटर्जी
- स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है- बाल गंगाधर तिलक
- सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है- राम प्रसाद बिस्लिम
- सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा- इकबाल
- तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा- सुभाष चंद्र बोस
- साइमन कमीशन वापस जाओ- लाला लाजपत राय
- हु लिव्स ईएफ इंडिया डाइस- जवाहरलाल नेहरू
- मेरे सिर पर लाठी का एक-एक प्रहार, अंग्रेजी शासन के ताबूत की कील साबित होगा- लाला लाजपत राय
नाम,उपनाम और प्रदानकर्ता
- राजा राममोहन राय – राजा (अकबर II)
- महात्मा गांधी – महात्मा (रविंद्र नाथ टैगोर)
- गुरु रविंद्र नाथ- गुरु (महात्मा गांधी)
- महात्मा गांधी- राष्ट्रपिता (सुभाष चंद्र बोस)
- महात्मा गांधी-अर्धनंगा फकीर (विंस्टन चर्चिल)
- S.C. बोस- नेताजी (हिटलर)
- सरदार पटेल- सरदार (बारदोली महिला)
- स्वामी विवेकानंद – स्वामी (खेतड़ी महाराज)
- दादा भाई नौरोजी- ग्रैंडमेन / वयोवृद्व पुरुष
- खान अब्दुल गफ्फार खान- सीमांत गांधी
- महात्मा गांधी (बाबा मलंग)- वन मैन बाउंड्री फोर्स (माउंटबेटन)
- मदन मोहन मालवीय- महामना
- लाला लाजपत राय- पंजाब केसरी/ शेर ए पंजाब
- श्री कृष्ण सिंह- बिहार केसरी
- टी प्रकाशन- आंध्र केसरी
- सरदार पटेल- लोह पुरुष (बिस्मार्क)
- जैनुल आबदीन- कश्मीर का अकबर
- कालिदास- शेक्सपियर
- जमनालाल बजाज – गांधी जी का पांचवा पुत्र (राय बहादुर)
- मुहम्मद अली जिन्ना- कायदे आजम
- अमीर खुसरो- तोता ए हिंद
- समुद्रगुप्त- भारत का नेपोलियन (लिच्छवी दोहित)
- जगजीवन राम- बाबूजी
- भगत सिंह- शहीद ए आज़म
- तिलक – लोकमान्य
- जयप्रकाश नारायण- लोकनायक
- राजगोपालाचारी – राजाजी
- सरोजिनी नायडू- भारत कोकिला, नाइटिंगल ऑफ़ इंडिया
- शांति पुरुष- लाल बहादुर शास्त्री
- देशबंधु- चितरंजन दास
- दीनबंधु C.F. एंड्रयूज
- बगबंधु- शेख मुजीबुर रहमान
- मेंन ऑफ डेस्टिनी- नेपोलियन
- मास्टर दा- सूर्य सेन
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