कक्षा 10 के विधार्थियो के लिए 7 दिवसीय फ्री टेस्ट क्लासेज के नोट्स उपलब्ध करवाए जायेगे। विज्ञान के कुछ चुनिंदा टॉपिक को पढ़ने के अवसर का लाभ उठाए। ऐसे अवसर बार बार नहीं मिलेंगे।
- Notes Update: 23.7.2024
Class 10th | science
Class 10th | science | Test Class 3 | Important Topics for Exam
Included lesson
- अध्याय 2 अम्ल और क्षारक एवं लवण
- अध्याय 7 जीव जनन कैसे करते हैं?
- अध्याय 8 अनुवांशिकता
- अध्याय 10 मानव नेत्र तथा रंग-बिरंगा संसार
- अध्याय 12 विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव
परिचय
- “टेस्ट कक्षा” के अंतर्गत कुछ अध्यायों से जुड़े महत्वपूर्ण टॉपिक को पढ़ेंगे। प्रत्येक टॉपिक को ध्यानपूर्वक पढ़कर इससे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
अध्याय 2 अम्ल और क्षारक एवं लवण
अम्ल
- अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं।
- अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं।
क्षारक
- क्षारक स्वाद में कड़वे होते हैं।
- लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं।
सूचक
- कोई पदार्थ अम्लीय है या क्षारकीय, इसकी पहचान के लिए सूचक का प्रयोग किया जाता है।
सूचकों के उदाहरण
- मैथिल ऑरेंज
- फिनोलफ्थेलिन
- हल्दी
अम्ल एवं क्षारक की धातु के साथ अभिक्रिया
क्रियाकलाप: प्रमुख चरण निम्नानुसार है।
- सभी उपकरण को चित्र अनुसार व्यवस्थित करेंगे।
- परखनली में 5 ml तनु सल्फ्यूरिक अम्ल लीजिए।
- अब परखनली में दानेदार जिंक के टुकड़े डालिए।
- तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ जिंक की अभिक्रिया होगी और हाइड्रोजन गैस मुक्त होगी।
- इस गैस को साबुन के पानी में प्रवाहित करेंगे।
- साबुन के विलयन से निकलने वाले बुलबुलों के पास एक मोमबत्ती लेकर जाएंगे।
- प्रयोग के फलस्वरुप हमें फट फट की ध्वनि सुनाई देगी।
pH स्केल
संक्षिप्त जानकारी
- कोई अम्ल अथवा क्षारक कितना प्रबल है या दुर्बल है, यह ज्ञात करने के लिए pH स्केल का प्रयोग किया जाता है।
- pH स्केल में p, पुसांस का सूचक है।
- पुसांस, एक जर्मन शब्द है जिसका अर्थ होता है “शक्ति”।
- pH स्केल पर 0 से 14 तक की संख्या अंकित होती है।
- pH स्केल पर 0 अधिक अम्लीयता को प्रदर्शित करता है।
- pH स्केल पर 14 अत्यधिक क्षारीयता को प्रदर्शित करता है।
- पीएच स्केल में 7 उदासीनता को व्यक्त करता है।
- pH स्केल की परिभाषा
- किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सांद्रता ज्ञात करने के लिए विकसित किया गया स्केल।
दैनिक जीवन में pH.
- मानव शरीर 7.0 से 7.8 pH परस के मध्य कार्य करता है। जीवित प्राणी केवल संकीर्ण pH परास में ही जीवित रह सकते हैं।
अम्ल वर्षा
- वर्षा के जल का pH मान 5.6 कम हो जाता है, तो वह वर्षा अम्ल वर्षा कहलाती है।
2. अम्ल वर्षा का जल जब नदी में प्रवाहित होता है, तो नदी के जल के pH का मान कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में नदी में जलीय जीवधारियों का जीवित रहना कठिन हो जाता है।
3. अच्छी उपज के लिए मिट्टी का एक विशिष्ट pH होना आवश्यक है।
मनुष्य के पाचन तंत्र का pH
- हमारे शरीर के उधर में उपस्थित HCL (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल) भोजन को पचाने में सहायक होता है। इस अमल से हमारे शरीर को कोई हानि नहीं पहुंचती है।
अध्याय 7 जीव जनन कैसे करते हैं?
जैव प्रक्रम
- पोषण, श्वसन, उत्सर्जन इत्यादि मनुष्य के जीवन की वह प्रक्रिया है जो निरंतर चलती रहती है।
- अतः हम कह सकते हैं कि किसी जीव के जीवित रहने तक चलने वाले प्रक्रम को जैव प्रक्रम कहते हैं।
जनन
- जनन को जैव प्रक्रम के अंदर सम्मिलित नहीं किया गया है।
- क्योंकि जनन किसी भी जीव को जीवित रखने के लिए आवश्यक नहीं है।
- जनन करने वाले जीव संतति का सृजन करते हैं। जो कुछ सीमा तक उस जीव के समान ही दिखाई देती है।
जीवन द्वारा अपने प्रतिकृति का सृजन करना।
विभिन्न जीवों का आकार एवं आकृति समान होने के कारण वे हमे सदृश्य दिखाई देते हैं।
- पिछले कक्षा में हम पढ़ चुके हैं, कि कोशिका के केंद्रक में गुणसूत्र पाए जाते हैं।
- इन गुणसूत्र के डीएनए के अंगों में अनुवांशिक गुणों का संदेश होता है। यह संदेश जनक से संतति पीढ़ी में जाता है।
- कोशिका के केंद्रक के डीएनए में प्रोटीन संश्लेषण हेतु सूचना निहित होती है।
- इस संदेश के भिन्न होने की अवस्था में बनने वाले प्रोटीन भी भिन्न होगी।
- विभिन्न प्रोटीन के कारण शारीरिक अभिकल्प में भी विविधता होगी।
महत्वपूर्ण तथ्य
- जनन की मूल घटना डीएनए की प्रतिकृति बनना है।
- डीएनए की प्रतिकृति बनने के लिए कोशिकाएं विभिन्न रासायनिक क्रियाओं का उपयोग करती है।
- जनन कोशिका में इस प्रकार डीएनए की दो प्रतिकृतियां बनती है।
- प्रतिकृति बनने के बाद इन प्रतिकृतियों का एक दूसरे से अलग होना आवश्यक है।
- डीएनए की प्रतिकृति बनने के साथ-साथ दूसररी कोशिकीय संरचनाओं का सृजन होता है।
- इसके बाद डीएनए की प्रतिकृतियां विलग हो जाती है।
- इस प्रकार एक कोशिका विभाजित होकर दो कोशिकाएं बनती है।
विखंडन
- एक कोशिकीय जीवो में कोशिका विभाजन द्वारा नए जीवों की उत्पत्ति होना।
- उदाहरण: अमीबा जैसे जीवों में कोशिका विभाजन होना।
मुकुलन
- कुछ प्राणी पुनर्जनन की क्षमता वाली कोशिकाओं का उपयोग मुकुलन के लिए करते हैं।
- हाइड्रा, कोशिकाओं के नियमित विभाजन के कारण एक स्थान पर उभार विकसित होता है, यहां उभार वृद्धि करता हुआ, नन्हे जीव में बदल जाता है।
अध्याय 8 अनुवांशिकता
परिचय
- अक्सर हमें अलैंगिक जनन में कम विभिन्नताएं देखने को मिलती है, लेकिन लैंगिक जनन में अक्सर अधिक विभिन्नताएं दिखाई देती है।
- उदाहरण: गन्ने के खेत में सभी पौधों का लगभग एक जैसा दिखाई देना।
- उदाहरण: पिता और पुत्र में दिखाई देने वाली विभिन्नता।
अनुवांशिकता
- जनन प्रक्रम का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम संतति के जीवों के समान डिजाइन का होना है।
- अनुवांशिकता नियम के अनुसार विभिन्न लक्षण पूर्ण विश्वनीयता के साथ वंशागत होते हैं।
लक्षणों की वंशागति के नियम
- मानव में लक्षणों की वंशागति के नियम इस बात पर आधारित है की माता एवं पिता दोनों ही समान मात्रा में अनुवांशिक पदार्थ को संतति में स्थानांतरित करते हैं।
- प्रत्येक लक्षण माता-पिता के डीएनए से प्रभावित हो सकते हैं।
- लक्षणों के वंशागति के नियमों को मेंडल ने अपने प्रयोगों के आधार पर समझाया है।
अध्याय 10 मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार
मानव नेत्र
- मानव नेत्र एक अत्यंत मूल्यवान एवं सुग्राही ज्ञानेंद्रिय है।
- इस अद्भुत संसार में, हमारे चारों ओर के रंगों को देखने के योग्य बनाता है।
- मानव नेत्र एक कैमरे की तरह कार्य करता है।
मानव नेत्र के कुछ भाग
- स्वच्छ मंडल अथवा कॉर्निया
- नेत्र गोलक
- परितारिका
- अभिनेत्र लेंस
समंजन क्षमता
अभिनेत्री लेंस की वह क्षमता, जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है।
अध्याय 12 विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव
चुंबकीय क्षेत्र
- किसी चुंबक के चारों ओर का वह क्षेत्र, जिसमें उसके बल का संसूचन किया जा सकता है, उस चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र कहलाता है।
परिनालिका में प्रवाहित विद्युत धारा के कारण चुंबकीय क्षेत्र
परिनालिका
- पास पास लिपटे विद्युत रोधी तांबे के तार की बेलन की आकृति के अनेक फेरों वाले कुंडली को परिनालिका कहते हैं।
- परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं समांतर सरल रेखाओं की भांति होती है।
- किसी परिनालिका के भीतर सभी बिंदुओं पर चुंबकीय क्षेत्र समान होता है।
विद्युत चुंबक
- परिनालिका के भीतर उत्पन्न प्रबल चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग किसी चुंबकीय पदार्थ को परिनालिका के भीतर रखकर चुंबक बनाने में किया जाता है, इस प्रकार बनने वाला चुंबक विद्युत चुंबक कहलाता है।
घरेलू विद्युत परिपथ
- घर के बाहर लगे खंबो से केबलों के माध्यम से हमारे घर में विद्युत की आपूर्ति की जाती है।
- इसमें एक लाल तार होता है, जो धनात्मक तार कहलाता है।
- इसमें एक काला तार होता है, जो उदासीन तार कहलाता है।