सामान्य हिंदी (Hindi): विभिन्न भर्ती परीक्षा में सामान्य हिंदी से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं। अगर आप भी विभिन्न भर्ती परीक्षा की तैयारी करते हैं और सामान्य हिंदी विषय को मजबूत करना चाहते हैं तो हमारे नोट्स पढ़कर, क्वीज टेस्ट देकर लगातार अभ्यास करते रहें। सामान्य हिंदी से संबंधित विभिन्न टॉपिक का संकलन आपके लिए।
क्रिया
क्रिया की परिभाषा और भेद,
क्रिया – शाब्दिक अर्थ, परिभाषा, भेद और उदाहरण | सामान्य हिंदी
क्रिया
क्रिया विकारी शब्द है
क्रिया का शाब्दिक अर्थ – काम
किसी कार्य का करना अथवा होना
क्रिया के भेद
कर्म के आधार पर
अकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया
रचना के आधार पर
प्रेरणार्थक क्रिया
संयुक्त क्रिया
नाम धातु क्रिया
पूर्वकालिक क्रिया
कृदंत क्रिया
काल के आधार पर
भूतकालिक क्रिया
वर्तमान कालिक क्रिया
भविष्यत् कालिक क्रिया
कर्म के अनुसार क्रिया
कर्म
क्रिया का प्रभाव, फल या भोक्ता
अकर्मक क्रिया
अ (नहीं ) + कर्म (प्रभाव) + अक (वाली)
वह क्रिया जिसका प्रभाव कर्ता पर पड़े, अर्थात वाक्य में कर्म का प्रयोग न हो, अकर्मक क्रिया कहलाती है
उदाहरण
अमित हंस रहा है
सीमा जोर-जोर से रो रही है
वे दौड़ रहे हैं
आशा नाचती है
पक्षी आकाश में उड़ रहे हैं
पत्ता पेड़ से गिर रहा है
अकर्मक क्रिया के प्रकार
1. गत्यार्थक अकर्मक
जहां कर्ता गतिमान हो
उदाहरण
रमेश दौड़ रहा है
2. स्थित्यर्थक अकर्मक
जहां कर्ता स्थिर हो
उदाहरण
रेखा सो रही है
3. अपूर्ण अकर्मक
जहां कर्म का अभाव हो तथा क्रिया की पूर्णता हेतु पूरक शब्दों का इस्तेमाल किया जाए
उदाहरण
राम बेईमान है
आप अध्यापक हो
*अपूर्ण अकर्मक में मुख्य क्रिया पद नहीं आते (हंसना, दौड़ना, रोना)
सकर्मक क्रिया
स (साथ) + कर्म (प्रभाव) + अक (वाली)
वह क्रिया जिसका सीधा प्रभाव कर्म पर पड़े अर्थात वाक्य में कर्म का विधान होता है
उदाहरण
राघव फल खाता है
सुनीता पत्र लिख रही है
अंकित पढ़ रहा है
सकर्मक क्रिया के प्रकार
1. पूर्ण सकर्मक (प्रत्यक्ष कर्म)
उदाहरण
सुरेखा पुस्तक पढ़ती है
2. अपूर्ण सकर्मक (अप्रत्यक्ष कर्म)
पूर्ण सकर्मक क्रिया
एक कर्मक क्रिया – जहां वाक्य में एक कर्म का विधान हो
उदाहरण
अनीता खाना खा रही है
मजदूर पेड़ के नीचे दूध पी रहे हैं
द्विकर्मक क्रिया
वह क्रिया जहां दो कर्म का विधान हो
प्रथम कर्म – प्राणी वाचक
द्वितीय कर्म अप्राणीवाचक
उदाहरण
सुमित ने रेखा को पुस्तक दी
रमेश अंजलि को पत्र लिखता है
मां धोबी को वस्त्र देती है
यदि वाक्य में स्थाई दान का भाव हो तो संप्रदान कारक होता है, जिस क्रिया एककर्मक बन जाती है
उदाहरण
मां भिखारी को कपड़े देती है
राजा सेवक को कंबल देता है
मोहन गुरुजी को दक्षिणा देता है
यदि क्रियापद स्वतंत्र देकर क्रिया का भेद पूछे तो
वह क्रिया जो बिना किसी भौतिक सहायता के शारीरिक रूप से पूरी हो, अकर्मक क्रिया होगी
उदाहरण
सोना
उठना
बैठना
नाचना
भागना
कूदना
उछालना
रोना
हंसना
उड़ना
ऐसी क्रिया जिसे पूरा करने हेतु बाह्य सहायता की आवश्यकता पड़े
उदाहरण
पढ़ना
लिखना
खाना
पीना
खेलना
चरना
धोना
चुगना
देखना
रचना के आधार पर क्रिया
1. प्रेरणार्थक क्रिया
वह क्रिया जो किसी सहायता, सीख, प्रेरणा से पूरी हो
प्रेरणार्थक क्रिया में दो कर्ता होते हैं
1. प्रधान कर्ता
जो क्रिया कर्ता हो
क्रिया + वाय / वायी / वाये / वाता / वाना / वानी / वाने का प्रयोग होता है
2. गौण कर्ता
जो क्रिया में सहायता या प्रेरणा दें
उदाहरण
राघव ने मोहन से सीता को जगवाया
मां पुत्र से खाना बनवाती है
राधा श्याम को पिटवाती है
*प्रेरणार्थक क्रिया सकर्मक होती है
संयुक्त क्रिया
जहां दो भिन्नार्थक क्रियाएं मिलकर एक क्रिया का अर्थ प्रदान करें, संयुक्त क्रिया कहलाती है
उदाहरण
प्रकाश घर चला गया था
संयुक्त क्रिया के भेद – 4
1. मुख्य क्रिया
जो कार्य कर्ता पूर्ण करें
उदाहरण
रवीना आ गई थी
मयंक पत्र लिख चुका है
2. सहायक क्रिया
वह क्रिया जो मुख्य क्रिया की काल सूचना दें
3. संयोजी क्रिया
जहां वाक्य में मुख्य व सहायक क्रिया एक साथ प्रयुक्त हो तो संयोजी क्रिया होती है
4. रंजक क्रिया
वह क्रिया जिस पर किसी अन्य क्रिया का रंग चढ़ा हो अर्थात वह क्रिया विशिष्ट अर्थ प्रदान करें
उदाहरण
तुझे जिंदा देखकर मन भर आया
आज का मौसम देखकर मयूर नाच उठा
लड़-झगड़कर वह अपना हिस्सा ले मरा
पूर्वकालिक क्रिया
पूर्ण + काल + इक
वह क्रिया जो मुख्य क्रिया से पहले पूरी होती हो, अर्थात इसमें दो क्रियाएं प्रयुक्त होती है
सामान्यतः दोनों क्रिया पदों के मध्य "कर" का प्रयोग होता है जो बाद में घटित होती है (मुख्य क्रिया), इस क्रिया को पश्चकालिक क्रिया कहते हैं
उदाहरण
यश्मित सो कर उठा
अनिल नहा कर पूजा करता है
देवीलाल पढ़कर आया
बारिश होने के बाद आंधी आई
नाम धातु क्रिया
वह क्रिया जो धातु/ क्रिया से नहीं बनती हो, अर्थात ऐसी क्रिया जो संज्ञा / सर्वनाम / विशेषण से बनती हो
उदाहरण
जमींदार ने जमीन हतियायी (हाथ)
प्रियंका दिनभर फोन पर बतियाती (बात)
मैंने उसे आज लतियाया (लात)
राजवीर ने सुनीता को अपनाया (अपना)
बुढ़िया सठिया गई (साठ)
निदेशक अच्छा दृश्य फिल्माया (फिल्म)
बहू सास से शरमायी (शर्म)
सजातीय क्रिया
वह क्रिया जिसमें क्रिया व कर्म एक ही धातु से बने हो, सजातीय क्रिया कहलाती है
उदाहरण
भारत में अनेक लड़ाइयां लड़ी
वह गहरी चाल चलता है
पुलिस ने चोर को बड़ी मार मारी
उसने पढ़ाई पड़ी
वह मीठी बोली बोलना है
सभी सजातीय क्रियाएं सकर्मक होती है
अनुकरणात्मक क्रिया
वह क्रिया जो ध्वनि के अनुकरण से बनती हो,
उदाहरण
उसने दरवाजा खटखटाया
चिड़िया फड़फड़ायी
घोड़ा हिनहिनाता है
बिल्ली मिमियाती है
पशु पक्षियों की आवाज़ अनुकरणात्मक क्रिया (अकर्मक) होती है
तात्कालिक क्रिया
जहां एक क्रिया घटित होने के तुरंत बाद दूसरी क्रिया घटित हो
उदाहरण
रोहन उठते ही भागा
तनु घर आते ही सो गई
तनीषा जहर पीते ही मर गई
असमापिका क्रिया
वह क्रिया जो वाक्य के अंत में प्रयुक्त ना होकर पूर्व / प्रारंभ में अथवा मध्य में प्रयुक्त हो
उदाहरण
जलते दीपक कितने सुंदर है
बहता हुआ जल निर्मल होता है
हो सकता है कि वहां रामलाल ना हो
मैंने पानी में तैरते जानवर को देखा
कृदंत क्रिया
कृत + अंत
वह क्रिया जहां क्रिया पदों के अंत में प्रत्यय मेल हो
उदाहरण
राकेश घर जा चुका था
पायल घर चली गई
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Vah bilkul thak gaya is vakya mein kaun sa kriya visheshan hai,