मृदा संसाधन और कृषि | Rajasthan Geography (राजस्थान का भूगोल)

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मृदा संसाधन

मृदा संसाधन और कृषि

महत्वपूर्ण तथ्य

  • राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली में स्थित है।
  • इसके अनुसार मृदा को आठ भागों में बांटा गया है

मृदा का वैज्ञानिक वर्गीकरण

वैज्ञानिक वर्गीकरण के आधार पर मृदा को पांच भागों में बांटा गया है।
  • कृषि उपयोगिता के आधार पर मिट्टी का प्रकार होता है।
  • कृषि से संबंधित लगभग 15 विभाग है।

मृदा का वैज्ञानिक वर्गीकरण

  1. रेतीली मिट्टी या एंटीसोल
  • रेतीली मिट्टी का विस्तार थार के मरुस्थल में है।
  • भारत के पश्चिमी राजस्थान में रेतीली मिट्टी सर्वाधिक है।
  • मरुस्थल का निर्माण से पहले यहां पर टेथीस सागर था।
  • इस मिट्टी की क्षारीयता ज्यादा होती है।
  1. जलोढ़ मृदा या एल्फी सोल मृदा
  • पूर्वी मैदानी प्रदेश में इसका विस्तार है।
  • नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी होती है।
  • यह मिट्टी सर्वाधिक उपजाऊ होती है।
  1. काली मृदा या वर्टीसोल मिट्टी
  • हाडोती के पठार में इसका विस्तार है।
  • ज्वालामुखी के लार्वा से निर्मित।
  • इसकी जलधारण क्षमता अधिक है।
  1. पर्वतीय मिट्टी
  • अरावली पर्वतीय प्रदेश में पाई जाती है।
  • लोहा ऑक्साइड सर्वाधिक मात्रा में।
  • लाल रंग की होती है।
  • मक्का के लिए सर्वाधिक उपयुक्त।
  • भीलवाड़ा तथा उदयपुर में सर्वाधिक।
  1. एरिडिसोल
  • शुष्क जलवायु प्रदेश में पाई जाती है।
  • पश्चिमी राजस्थान में फैली हुई।

कृषि उपयोगिता के आधार पर मृदा का वर्गीकरण।

  1. जलोढ़ मिट्टी
  • नदी बेसिन में पाई जाती है।
  • पूर्वी मैदानी प्रदेश
  1. मध्य काली मिट्टी
  • कपास या रेगुर मिट्टी
  • हाडोती के पठार में पाई जाती है।
  1. लाल अथवा पर्वतीय मिट्टी
  • दक्षिणी राजस्थान में लाल लोमी मिट्टी पाई जाती है।
  • इस मिट्टी में लोह तत्व की अधिकता होती है।
  • डूंगरपुर बांसवाड़ा में इसका विस्तार है।
  1. लाल काली मृदा
  • चित्तौड़गढ़ कोटा में पाई जाती है।
  1. रेतीली बलुई मिट्टी
  • यह मिट्टी कम उपजाऊ होती है।
  1. लाल पीली मिट्टी या भूरी मिट्टी
  • राजसमंद बनास बेसिन में पाई जाती है।
  • टोंक सवाई माधोपुर में विस्तार।
  1. रेतीली भूरी मिट्टी
  • नागौर जोधपुर में पाई जाती है।

रेतीली भूरी मिट्टी की समस्या

A. लवणीयता

  • खारापान होता है।
  • पश्चिमी राजस्थान में पाई जाती है।

B. अम्लीयता

  • अम्ल वर्षा के कारण
  • पूर्वी राजस्थान में पाई जाती है।
  • रॉक फास्फेट का प्रयोग किया जाता है।

C. सैम की समस्या

  • उत्तरी राजस्थान प्रमुख रूप से गंगानगर हनुमानगढ़ में पाई जाती है।
  • इंदिरा गांधी नहर परियोजना के पास का क्षेत्र प्रभावित।

D. भू अवक्रमण

  • कृषि सिंचित क्षेत्र
  • रासायनिक उर्वरकों का अधिक प्रयोग होना।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड

  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड 19 फरवरी 2015 को जारी किएगए।
  • सूरतगढ़ से मृदा स्वास्थ्य कार्ड की शुरुआत हुई।

E. खरपतवार

  • फसल के साथ उगने वाले अनावश्यक पौधे।
  • निराई करके खरपतवार निकाला जा सकता है।

कृषि

  1. बारानी कृषि
  • पूर्णत: वर्षा पर आधारित
  • पश्चिमी राजस्थान जोधपुर का क्षेत्र।
  1. मिश्रित कृषि
  • कृषि के साथ-साथ पशुपालन किया जाता है।
  • पूर्वी राजस्थान का क्षेत्र।
  1. रिले क्रॉपिंग
  • एक खेत में एक वर्ष में चार फसल लगाना।
  1. प्रसविधा कृषि
  • समझौते के आधार पर कृषि करना।
  1. जैविक कृषि
  • परंपरागत कृषि को बढ़ावा देना।
  • इसमें रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता है।
  1. झूम कृषि
  • स्थानांतरित कृषि के नाम से जाना जाता है।

कृषि को बढ़ावा देने वाली क्रांतियां।

  1. हरित क्रांति
  • एकड़ भूमि में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना।
  • विश्व में हरित क्रांति का जनक नॉर्मन बारलोग था।
  • विश्व में हरित क्रांति की शुरुआत 1950 में हुई।
  • भारत में हरित क्रांति का जनक एम एस स्वामीनाथन है।
  • भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1966 में हुई थी।
  • हरित क्रांति में सर्वाधिक प्रभावित खाद्यान्न गेहूं है।
  1. श्वेत क्रांति
  • दुग्ध उत्पादन से संबंधित।
  • डेयरी विकास को बढ़ावा देना।
  • 1970 में इसकी शुरुआत हुई।
  • वर्गीज कुरियन का महत्वपूर्णयोगदान।
  • ऑपरेशन फ्लड से संबंध।
  • आनंद गुजरात में प्रथम डेयरी अमूल की स्थापना।
  • अमूल की स्थापना 1970 में हुई।
  • राजस्थान में 1971 में पदमा डेयरी की स्थापना अजमेर में हुई।
  1. डेयरी विकास
  • 1975 में राजस्थान में डेयरी विकास निगम की स्थापना की गई।
  • 1977 में राजस्थान सहकारी डेयरी फेडरेशन की स्थापना की गई।
राज्य स्तर पर प्रमुख संस्थाएं
जिला स्तर पर जिला सहकारी डेयरी संघ के नाम से जाना जाता है।
दूध विपणन के कार्य से संबंधित।
  • अन्नपूर्णा दुग्ध योजना
  • 20 जुलाई 2018 को प्रारंभ।
  • प्राथमिक स्तर संस्था के द्वारा प्रारंभ।

विभिन्न क्रांतियां

  1. नीली क्रांति मछली पालन से संबंधित है।
  2. गुलाबी क्रांति झींगा मछली से संबंधित है।
  3. पीली क्रांति सरसों से संबंधित है।
  4. गोल क्रांति आलू से संबंधित है।
  5. रजत क्रांति अंडा उत्पादन से संबंधित है।
  6. लाल क्रांति टमाटर से संबंधित है।
  7. बादामी क्रांति मसाला से संबंधित है।
  8. सुनहरी क्रांति सब्जी तथा फल से संबंधितहै।
  9. काली क्रांति कृषि अफीम तथा ऊर्जा पेट्रोलियम से संबंधित है।
  10. भूरी क्रांति खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित है।
  11. इंद्रधनुष्य क्रांति कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने से संबंधित है।
  12. राजेंद्र क्रांति सोफ उत्पादन से संबंधित है।
  13. अमृत क्रांति नदियों को जोड़ने से संबंधित है।

विभिन्न प्रकार की फसले

  1. रबी की फसल
  • गेहूं और जो खाद्यान्न फसल है।
  • चना मटर मसूर दलहन फसल है।
  • तारामीरा सरसों सूरजमुखी अलसी तिलहन से संबंधित फसल है।
  • जीरा धनिया सोफ मेथी मसाले से संबंधित है।
  1. खरीफ की फसल
  • बाजरा, मक्का, चावल, ज्वार, मूंग, मोठ, ग्वार, तिल, मूंगफली, अरंडी, सोयाबीन, कपास, गन्ना इत्यादि।
  1. जायद की फसल
  • तरबूज खरबूज ककड़ी से संबंधित।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • सर्वाधिक बंजर भूमि जैसलमेर में है।
  • न्यूनतम बंजर भूमि राजसमंद में है।

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मृदा संसाधन क्या हैं?

  • मृदा संसाधन मृदा की ऊपरी परतों (क्षितिज) से मिलकर बनते हैं जो जैविक प्रणाली बनाते हैं । मृदा संसाधनों का लेखा-जोखा कटाव या क्षरण के कारण खोए गए मृदा संसाधनों के क्षेत्र और मात्रा के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है, या भूमि आवरण और अन्य स्रोतों में परिवर्तन के कारण अनुपलब्ध हो सकता है।

मिट्टी को प्राकृतिक संसाधन क्यों कहा जाता है?

  • मृदा को महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन माना जाता है क्योंकि यह कृषि के लिए अनिवार्य है तथा कृषि हम सभी को भोजन, कपड़ा और आश्रय प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त मृदा अनेक जीवों को आवास भी प्रदान करती है।

मृदा संसाधन क्या है class 8th?

  • मृदा एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। … मृदा का निर्माण शैलों के अपघटन क्रिया से होता है। मृदा के निर्माण में कई प्राकृतिक कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है; जैसे कि तापमान, पानी का बहाव, पवन। इस प्रक्रिया में कई भौतिक और रासायनिक परिवर्तनों का भी योगदान होता है

मृदा संसाधनों का संरक्षण कैसे किया जा रहा है?

  1. जैविक खाद जैविक खेती में बहुत सी खादों का प्रयोग किया जाता है, किन्तु जैविक खाद के प्रयोग से भूमि अवस्था में सुधार होता है, जिससे भूमि में वायु संचार में वृद्धि होती है, जीवांश पदार्थ का निर्माण होता है। …
  2. वन संरक्षण …
  3. वृक्षारोपण …
  4. बाढ़ नियंत्रण …
  5. नियोजित चराई …
  6. बंध बनाना …
  7. सीढ़ीदार खेत बनाना …
  8. समोच्चरेखीय जुताई (कण्टूर जुताई)

कृषि का अर्थ क्या होता है?

  • भूमि पर खेती करने, फसलें पैदा करने और पशुपालन करने का विज्ञान, कला या अभ्यास , तथा विभिन्न स्तरों पर परिणामी उत्पादों की तैयारी और विपणन, भूमि को कृषि के लिए उपयोग करने हेतु साफ करना

कृषि के 4 प्रकार क्या हैं?

  • कृषि के चार प्रकार: पशुचारण, स्थानान्तरित खेती, निर्वाह खेती, गहन खेती – पशुपालन – कृषि का यह रूप मुख्य रूप से पशुओं को पालने पर केंद्रित है। मवेशी, भेड़, बकरी आदि जैसे पशुओं को चरागाहों में पाला जाता है।

खेती कितने प्रकार की होती है?

  • भारत में मुख्य रूप से तीन फसलें होती हैं- खरीफ, रबी और जायद। किसी समय-चक्र के अनुसार वनस्पतियों या वृक्षों और पौधों पर से इंसानों या पशुओं के उपभोग के लिए उगाकर काटी या तोड़ी जाने वाली पैदावार को फसल कहा जाता हैं। ये किसानों द्वारा उगाए जाने वाले वे पौधे या पेड़ हैं, जिनकी खेती किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर की जाती है।

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