Indian Polity (भारतीय राजव्यवस्था): भारतीय राजव्यवस्था के संबंध में विभिन्न जानकारी अपडेट की जाती है। इसमें भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित नोट्स, शॉर्ट नोट्स और मैपिंग के द्वारा विस्तृत अध्ययन करवाया जाता है। क्वीज टेस्ट के माध्यम से अपनी तैयारी पर रखने का बेहतरीन अवसर। आज ही अपनी तैयारी को दमदार बनाने के लिए पढ़िए भारतीय राजव्यवस्था।
संविधान के भाग – 1 | Indian Polity (भारतीय राजव्यवस्था)
संविधान के भाग – 1 (संघ और उनके राज्य क्षेत्र)
भारतीय संविधान का भाग-1,
प्रथम अनुसूची,
अनुच्छेद 1 से 4 तक,
संघ और राज्य क्षेत्र से संबंधित
वर्ष 1956 में 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेशों का गठन किया गया था।
स्वतंत्रता प्राप्ति के साथ, भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग उठाई जा रही थी
मद्रास राज्य के तेलुगु भाषियों ने श्री रामुल्लू के नेतृत्व में आंदोलन प्रारंभ किया
56 दिनों के आमरण अनशन के बाद 15 दिसंबर 1952 को श्री रामुल्लू की मृत्यु हो गई
तब प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तेलुगु भाषियों के लिए पृथक आंध्र प्रदेश राज्य के गठन के घोषणा की
1 अक्टूबर 1953 को आंध्र प्रदेश भाषा के आधार पर गठित होने वाला पहला राज्य बना
नागालैंड
असम राज्य से नागाहिल्स क्षेत्र को निकालकर नागालैंड राज्य अधिनियम, 1962 द्वारा नागालैंड पृथक राज्य बना
सिक्किम
35वें संशोधन द्वारा संयुक्त राज्य का दर्जा
36वें संविधान संशोधन द्वारा वर्ष 1975 में 22वें राज्य का दर्जा
गोवा
गोवा, दमन, दीव पुनर्गठन अधिनियम 1987 द्वारा गोवा को 25वें राज्य का दर्जा दिया गया
छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, झारखंड
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार पुनर्गठन अधिनियम द्वारा 2000 में निम्न राज्यों को निर्मित किया गया
छत्तीसगढ़ 26वा राज्य बना (1 नवंबर 2000)
उत्तराखंड 27वा राज्य बना (9 नवंबर 2000)
झारखंड 28वा राज्य बना (15 नवंबर 2000)
तेलंगाना
आंध्र प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2014 द्वारा तेलंगाना नामक 29वा राज्य बना
जम्मू कश्मीर
भारतीय संविधान जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा प्राप्त था
6 अगस्त 2019 के जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2019 के अनुसार 370 को समाप्त कर 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो नए केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए
राज्यों के पुनर्गठन हेतु प्रमुख आयोग
राज्य पुनर्गठन आयोग- प्रथम (1953) फजल अली आयोग
अध्यक्षता- फजल अली
अन्य सदस्य- पंडित हृदयनाथ कुंजरू और K.M. पणिकर
इस आयोग ने भाषा एवं सांस्कृतिक एकता के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग को स्वीकार कर लिया
राज्य पुनर्गठन आयोग-द्वितीय (1956)
सातवें संविधान संशोधन अधिनियम, 1956 द्वारा राज्यों की श्रेणियां को समाप्त करके 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश का गठन किया गया
संघ और राज्य क्षेत्र
अनुच्छेद-1
भारत जो कि इंडिया है ‘ राज्यों का संघ’ होगा।
इस अनुच्छेद में भारत के लिए ‘ भारत’ और ‘इंडिया’ दोनों शब्दों का प्रयोग हुआ है।
अनुच्छेद 1 में भारत का राज्य क्षेत्र भी परिभाषित है जिसके अनुसार-
28 राज्य
8 संघ शासित प्रदेश
भारत द्वारा अर्जित किया गया नया प्रदेश शामिल
अनुच्छेद 1 में 'Union' शब्द का उल्लेख है। 'फेडरेशन' शब्द का उल्लेख नहीं है।
अनुच्छेद-2
संसद को संघ में नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना के लिए विधि बनाने का अधिकार देता है।
अनुच्छेद-3
संसद साधारण बहुमत से किसी नए राज्य का गठन तथा किसी वर्तमान राज्य क्षेत्र, सीमा या नाम में परिवर्तन कर सकती है
अनुच्छेद-4
संसद द्वारा अनुच्छेद-2 दो अथवा अनुच्छेद-3 के अंतर्गत बनाई गई विधि अनुच्छेद 368 के प्रयोजनों के लिए संविधान में संशोधन करने वाली विधि नहीं समझी जाएगी
क्षेत्रीय परिषदे
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद (मुख्यालय- नई दिल्ली)
पंजाब
हरियाणा
राजस्थान
हिमाचल प्रदेश
जम्मू कश्मीर
लद्दाख
चंडीगढ़
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली
मध्य क्षेत्रीय परिषद (मुख्यालय- प्रयागराज)
उत्तर प्रदेश
मध्य प्रदेश
उत्तराखंड
छत्तीसगढ़
दक्षिण क्षेत्रीय परिषद (मुख्यालय- चेन्नई)
आंध्र प्रदेश
तेलंगाना
केरल
कर्नाटक
तमिलनाडु
पांडिचेरी संघ राज्य क्षेत्र
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (मुख्यालय- कोलकाता)
बिहार
झारखंड
पश्चिम बंगाल
ओडिशा
पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद (मुख्यालय- मुंबई)
महाराष्ट्र
गुजरात
गोवा
दीव और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र
पूर्वोत्तर परिषद
पांच क्षेत्रीय परिषदों के अतिरिक्त एक नए अतिरिक्त ‘पूर्वोत्तर परिषद’ का गठन पूर्वोत्तर परिषद अधिनियम 1971 के द्वारा अलग से किया गया
इस परिषद में सदस्यों के रूप में निम्न शामिल है-
असम
मणिपुर
मिजोरम
अरुणाचल प्रदेश
नागालैंड
मेघालय
त्रिपुरा
सिक्किम
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