कक्षा 10 के विधार्थियो के लिए 7 दिवसीय फ्री टेस्ट क्लासेज के नोट्स उपलब्ध करवाए जायेगे। विज्ञान के कुछ चुनिंदा टॉपिक को पढ़ने के अवसर का लाभ उठाए। ऐसे अवसर बार बार नहीं मिलेंगे।
अध्याय 11 विद्युत | विज्ञान कक्षा 10 | Test Class 02 | My B21 Tuitions
अध्याय 11 विद्युत
विद्युत का सामान्य परिचय
- अक्सर हम घरों, विद्यालयों, अस्पतालों, उद्योगों तथा विभिन्न संस्थानों में विद्युत का प्रयोग करते हैं।
- विद्युत ऊर्जा का एक रूप होता है जो हमें सुविधाएं उपलब्ध करवाता है।
- विद्युत धारा हमेशा विद्युत परिपथ में प्रभावित होती है।
विद्युत परिपथ
- विद्युत धारा का सतत तथा बंद पथ, विद्युत परिपथ कहलाता है।
उदाहरण
- बल्ब, कुंजी, तार तथा बैटरी का प्रयोग करके हम एक विद्युत परिपथ बना सकते हैं।
विद्युत परिपथ का चित्र
विद्युत धारा
- विद्युत आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य
- विद्युत परिपथ बनाने के लिए धातु के तार का प्रयोग किया जाता है।
- विद्युत धारा को हम धनावेश का प्रवाह मानते हैं।
- अतः हम ऐसा कह सकते हैं कि धनावेश के प्रवाह की दिशा विद्युत धारा की दिशा होती है।
- इलेक्ट्रॉन ऋणावेश होते हैं।
- इलेक्ट्रॉन की गति विद्युत धारा की विपरीत दिशा में होती है।
- विद्युत आवेश का एसआई मात्रक कुलाम (C) होता है।
- विद्युत धारा मापने के लिए ऐमीटर का प्रयोग किया जाता है।
विद्युत विभव और विभावांतर
- इलेक्ट्रॉन की गति “चालक के अनुदिश होने वाले विद्युत दाब के अंतर” के कारण होती है, इसे हम विभावांतर कहते हैं।
- विभावांतर उत्पन्न करने के लिए विद्युत सेलों से बनी बैटरी का प्रयोग किया जाता है।
- विद्युत विभावांतर का एस आई मात्रक वोल्ट (V) होता है।
विद्युत परिपथ आलेख
ओम का नियम
- एक विद्युत परिपथ में धातु के तार के दो सिरों के बीच विभावांतर, उसमें प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के समानुपाती होता है। परंतु तार का ताप समान रहना चाहिए यह ओम का नियम कहलाता है।
ओम के नियम का ग्राफ
प्रतिरोध को हम दो प्रकार से जोड़ सकते हैं।
1. श्रेणीक्रम में संयोजन
श्रेणीक्रम में संयोजित प्रतिरोध
2. समांतर क्रम में संयोजन
समांतर क्रम में संयोजित प्रतिरोध
विद्युत धारा का तापीय प्रभाव
- परिपथ में विद्युत धारा बनाए रखने के लिए स्रोत (बैटरी) निरंतर अपनी ऊर्जा खर्च करता रहता है।
- इस ऊर्जा का कुछ भाग उपयोगी (पंखे की पंखुड़ियां घुमाना) कार्य में तथा कुछ भाग अनुपयोगी कार्य (ऊष्मा के रूप में।) में उपयोग हो जाता है।
- विद्युत धारा के तापी प्रभाव के कारण ही लगातार पंखे के चलने पर पंखा गर्म हो जाता है।
- स्रोत की ऊर्जा का निरंतर ऊष्मा के रूप में क्षय होना, विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहलाता है।
- विद्युत धारा के तापीय प्रभाव का प्रयोग विद्युत हीटर और स्त्री जैसी युक्तियों को चलाने में किया जाता है।
विद्युत शक्ति
- विद्युत शक्ति का एसआई मात्रक वाट (W) होता है।
- विद्युत ऊर्जा का व्यावहारिक मात्रक किलो वाट घंटा (kW h) होता है। इसको सामान्य बोलचाल की भाषा में “यूनिट” कहा जाता है।
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